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निजी क्षेत्र में कामकाजी महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कॉर्पोरेट नियमों में बदलाव: डब्ल्यूसीडी

निजी क्षेत्र में कामकाजी महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कॉर्पोरेट नियमों में बदलाव: डब्ल्यूसीडी
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नई दिल्ली। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (डब्ल्यूसीडी) ने निजी क्षेत्र में कामकाजी महिलाओं के लिए कार्यस्थल पर सुरक्षा सुनिश्चित करने को लेकर कंपनियों की जवाबदेही तय करते हुए यौन उत्पीड़न के मामलों का खुलासा करना अनिवार्य कर दिया है।

डब्ल्यूसीडी के अनुसार, मंत्रालय दफ्तरों में काम के वातावरण को महिलाओं के अनुकूल बनाने के लिए पुरजोर तरीके से काम कर रहा है। जिसके केंद्र के सभी मंत्रालयों और विभागों में आंतरिक शिकायत समिति का गठन भी भी किया गया है।

केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने सोमवार को बताया कि कॉर्पोरेट मंत्रालय ने कंपनियों के लिए बने लेखा नियम 2014 में संशोधन कर कंपनी को वार्षिक रिपोर्ट में महिला उत्पीड़न के मामले और कार्रवाई का खुलासा करना होगा। ऐसा नहीं करने की सूरत में कंपनियों को दंड भी दिया जा सकता है। उन्होंने कहा कि अब तक निजी कंपनियां सजा के डर से ऐसे मामलों का खुलासा नहीं करती थीं। ‎

उन्होंने कहा कि महिला एवं बाल मंत्रालय ने वाणिज्य मामलों के मंत्री से कार्यस्थल पर महिला यौन उत्पीड़न रोकथाम निषेध और निवारण अधिनियम के तहत प्रत्येक कंपनी के निदेशकों की रिपोर्ट में इसका खुलासा करने का अनुरोध किया था।

मंत्रालय ने गत 31 जुलाई को अधिसूचना जारी कर दी थी। फिलहाल डब्ल्यूसीडी जल्द से जल्द सभी सूचीबद्ध कंपनियों की कॉर्पोरेट गवर्नेंस रिपोर्ट कर तहत लाने के सेबी से भी सहायता लेने की दिशा में काम कर रहा है। इसके साथ ही कार्यस्थल पर महिलाओं को तुरंत राहत देने के लिए मंत्रालय के अनुरोध पर डीओपीटी द्वारा कई निर्देश जारी किए गए हैं। जो शी-बॉक्स के माध्यम से सीधे मंत्रालय में शिकायत दर्ज करा सकती है।

Updated : 14 Aug 2018 10:21 AM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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