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लोकपाल की नियुक्ति को लेकर केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दिया लेकिन समय सीमा नहीं बताई

लोकपाल की नियुक्ति के लिए 19 जुलाई को होगी सर्च कमेटी की बैठक

लोकपाल की नियुक्ति को लेकर केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दिया लेकिन समय सीमा नहीं बताई
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नई दिल्ली। लोकपाल की नियुक्ति को लेकर केंद्र सरकार ने कहा कि 19 जुलाई को प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली सर्च कमेटी की बैठक होगी। सुप्रीम कोर्ट ने उम्मीद जताई कि मीटिंग में लोकपाल के नाम को फाइनल किया जाएगा। इस मामले पर अगली सुनवाई 24 जुलाई को होगी।

केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में जो हलफनामा दाखिल किया है उसमें लोकपाल की नियुक्ति की समय सीमा नहीं बताई गई है। सरकार ने कहा है कि लोकपाल के चयन के लिए पहले सर्च कमेटी बनानी होगी।

कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग के सचिव ने हलफनामा दायर कर कहा है कि चयन समिति को एक सात सदस्यीय सर्च कमेटी का मनोनयन करना होगा। सर्च कमेटी के गठन के बाद वो अपनी प्रक्रिया तय करेगी । उसके बाद चयन समिति सर्च कमेटी एक तय समय सीमा में लोकपाल के लिए उम्मीदवारों के नाम की अनुशंसा करनी होगी। हलफनामे में कहा गया है कि चूंकि अभी सर्च कमेटी का गठन नहीं हुआ है| इसलिए लोकपाल की नियुक्ति के लिए टाइमफ्रेम बताना मुश्किल है।

पिछले 2 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को दस दिनों के अंदर लोकपाल की नियुक्ति संबंधी शेड्यूल बताने का निर्देश दिया था। सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा था कि उन्हें केंद्र की तरफ से निर्देश मिले हैं कि प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली लोकपाल चयन समिति की बैठक जल्द ही होने वाली है।

पिछले 15 मई को केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि लोकपाल नियुक्ति के लिए सेलेक्शन कमेटी के सदस्य के तौर पर वरिष्ठ न्यायविद के रुप में पूर्व अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी के नाम का चयन किया गया है । इस नाम पर चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और लोकसभा की स्पीकर ने सहमति दे दी थी।

पिछले 17 अप्रैल को केंद्र सरकार ने बताया था कि लोकपाल को चुनने के लिए 10 अप्रैल को मीटिंग हुई थी। इसके बाद जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि ऐसी उम्मीद है कि सरकार जल्द ही लोकपाल की नियुक्ति कर देगी।

सरकार के भरोसा देने के बाद लोकपाल की नियुक्ति को लेकर कोर्ट ने आदेश जारी करने से इनकार कर दिया था। सुनवाई के दौरान वकील प्रशांत भूषण ने केंद्र पर आरोप लगाया था कि वो लोकपाल की नियुक्ति से अपना कदम पीछे खींच रही है।

'कांग्रेस मुस्लिम पार्टी' पर राहुल का स्पष्टीकरण, कहा- मैं अंतिम पायदान पर खड़े शोषित के साथ

नई दिल्ली, 17 जुलाई (हि.स.)। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर 'कांग्रेस मुस्लिम पार्टी' है मामले को लेकर स्पष्टीकरण दिया है। उन्होंने कहा कि वह समाज में अंतिम पायदान पर खड़े, शोषित आदमी के साथ हैं।

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा है कि वो समाज के शोषित तबके के साथ खड़े हैं, चाहे वो किसी भी धर्म या जाति का हो। राहुल ने मंगलवार को ट्वीट कर कहा, 'मैं समाज में अंतिम पायदान पर खड़े आदमी के साथ हूं। मैं उसके साथ हूं जो शोषित है, सताया हुआ है, हाशिये पर है। उस शख्स की जाति और धर्म मेरे लिए अहमियत नहीं रखता है। मैं दर्द का सामना कर रहे लोगों को गले लगाकर उनकी नफरत और डर मिटाता हूं। मैं सभी से प्यार करता हूं, मैं कांग्रेस हूं।'

उल्लेखनीय है कि इससे पहले राहुल गांधी के कथित बयान (कांग्रेस मुस्लिमों की पार्टी है) को लेकर विरोधी दलों ने कांग्रेस पर निशाना साधा था यहां तक कहा गया कि क्या कांग्रेस केवल मुस्लिम पुरुषों की पार्टी है? इसका कांग्रेस ने भी खंडन कर दिया था, लेकिन सोमवार को फिर कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष नदीम जावेद ने बयान दिया कि इसमें गलत क्या है। राहुल गांधी ने एक बार फिर इसी को लेकर अपना स्पष्टीकरण दिया है।

Updated : 17 July 2018 2:38 PM GMT
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स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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