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केंद्रीय स्कूलों में खत्म हो सांसद कोटा, राज्यसभा में उठी मांग

केंद्रीय स्कूलों में खत्म हो सांसद कोटा, राज्यसभा में उठी मांग
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नईदिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राज्यसभा सदस्य सुशील मोदी ने शुक्रवार को राज्यसभा में केंद्र सरकार से कहा कि वह देशभर के केंद्रीय विद्यालयों यानी सेंट्रल स्कूल में एडमिशन में सांसद कोटा खत्म कर दे।

सुशील मोदी ने केंद्रीय विद्यालयों में विद्यालय प्रबंधन समिति के चेयरमैन का कोटा भी खत्म करने की मांग की है। राज्यसभा में शून्य काल में सुशील मोदी ने ये मांग करते हुए कहा कि कोटा सिस्टम एससी/एसटी और पिछड़े तबके के छात्रों के साथ अन्याय है। उनके आरक्षण की हकमारी हो रही है।

सांसद और चैयरमैन के कोटे से हर साल होते हैं 29 हजार एडमिशन -

सुशील मोदी ने राज्यसभा में कहा कि पूरे देश के केंद्रीय विद्यालयों में हर साल सांसदों के कोटे से 7,880 एडमिशन होता है। अगर विद्यालय मैनेजमेंट कमेटी के चेयरमैन का कोटा भी जोड़ दिया जाये तो पूरे देश के केंद्रीय विद्यालयों में हर साल 29 हजार एडमिशन होता है यानी 29 हजार ऐसे छात्रों का एडमिशन होता है जिनके मेरिट का कोई पता नहीं होता। कोटे से छात्रों के एडमिशन में कोई पारदर्शिता भी नहीं बरती जाती।सुशील मोदी ने राज्यसभा में कहा कि इस तरह से छात्रों का एडमिशन अलोकतांत्रिक है, जिसे तुरंत रोका जाना चाहिये।

50 प्रतिशत आरक्षण

सुशील मोदी ने कहा कि सरकारी शिक्षण संस्थानों में संवैधानिक तौर पर एससी/एसटी और पिछडे तबके के छात्रों को 50 प्रतिशत आरक्षण मिलता है।लेकिन जब सांसदों के कोटे से एडमिशन होता है तो उसमें आरक्षण के नियमों का पालन नहीं किया जाता। ऐसे में आरक्षित वर्ग के करीब 16 हजार छात्रों का एडमिशन नहीं होता औऱ उनके साथ हकमारी होती है।

कोटा सिस्टम को पूरी तरह से खत्म

सुशील मोदी ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री से मांग की वे कोटा सिस्टम को पूरी तरह से खत्म कर दें। उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री कोटे को बढ़ाने की बात कह रहे हैं लेकिन इससे परेशानी और बढ़ेगी। ढेर सारे लोग केंद्रीय विद्यालय में एडमिशन के लिए सांसदों पर दबाव डालते हैं। सांसद सारे लोगों का एडमिशन नहीं करा सकते और उन्हें लोगों के आक्रोश का सामना करना पड़ता है। मोदी ने कहा कि कोटे से एडमिशन के कारण केंद्रीय विद्यालयों में पढ़ाई की स्थिति भी बदहाल हो रही है। केंद्रीय विद्यालयों में 40 छात्र पर एक शिक्षक की व्यवस्था है लेकिन कोटे से एडमिशन के कारण क्लास में छात्रों की संख्या बढ़ जाती है, जिससे उन्हें सही तरीके से शिक्षा नहीं मिल पाती।

उल्लेखनीय है कि लोकसभा और राज्यसभा के सभी सांसदों का केंद्रीय विद्यालय में एडमिशन का कोटा है। सांसद की अनुशंसा पर हर साल दस छात्रों का एडमिशन होता है। हरेक सेंट्रल स्कूल में विद्यालय मैनेजमेंट कमेटी के चेयरमैन का भी कोटा होता है।उनकी अनुशंसा पर 17 छात्रों का एडमिशन होता है।

Updated : 25 March 2022 11:03 AM GMT
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स्वदेश डेस्क

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