बंगाल में सहयोगी वाम दलों को लोस की चार सीटें देगी माकपा

बंगाल में सहयोगी वाम दलों को लोस की चार सीटें देगी माकपा
X

कोलकाता। आसन्न लोकसभा चुनाव से पहले पश्चिम बंगाल की 42 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने को लेकर कांग्रेस और माकपा के बीच संभावित गठबंधन का फैसला अभी नहीं हो सका है। इसके पहले ही माकपा ने पूर्व निर्धारित सीटों में से कम से कम चार सीटें अन्य सहयोगी वामपंथी पार्टियों को देने का निर्णय किया है।

मंगलवार को सीपीआई (एम) के हवाले से बताया गया है कि पिछले साल माकपा ने राज्य की 32 सीटों पर चुनाव लड़ा था। पार्टी इस बार 28 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। बाकी की चार सीटें सहयोगी वामपंथी पार्टियों जैसे फॉरवर्ड ब्लॉक, सीपीआई और सीपीआईएमएल के लिए छोड़ेगी। अगर कांग्रेस के साथ गठबंधन होता है तो राज्यभर की सभी 42 लोकसभा सीटों को लेकर आंकड़ा तैयार किया जाएगा। इस कदम का उद्देश्य लोकसभा चुनाव से पहले वाम एकता को मजबूत करना है।

आमतौर पर पश्चिम बंगाल की 42 लोकसभा सीटों में से सीपीआई (एम) 32 सीटों पर चुनाव लड़ती है। बाकी की 10 सीटें वाममोर्चा सहयोगियों को दी जाती हैं। सीपीआई (एम) आगामी लोकसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस और भाजपा की दोहरी चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए वाम मोर्चे के साथ वामपंथी और अन्य धर्मनिरपेक्ष दलों के साथ मिलकर चुनाव लड़ने की उम्मीद जता रही है। माकपा राज्य समिति के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया कि यह अभी भी स्पष्ट नहीं है कि कांग्रेस के साथ कोई गठबंधन होगा या नहीं। वामपंथी एकता के लिए वाम मोर्चा और अन्य वाम दलों के लिए चार सीटें छोड़ने का विचार किया जा रहा है।

माकपा नेता ने कहा कि हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि इस बार वाम दल के सहयोगी असुरक्षित महसूस न करें और उनकी शिकायतों को दूर किया जाए। इस बारे में पार्टी नेतृत्व इस महीने के अंत तक अंतिम फैसला करेगा। यह बयान उस समय आया है जब दो लोकसभा सीटों, उत्तर दिनाजपुर जिले में रायगंज और मुर्शिदाबाद जिले में बहरमपुर के बारे में माकपा और कांग्रेस के बीच मतभेद सामने आया है। कांग्रेस इन दो सीटों से चुनाव लड़ने की इच्छुक है जबकि माकपा उन दो सीटों को नहीं छोड़ना चाहती जहां उसके सांसद हैं।

Tags

Next Story