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वैज्ञानिकों की एक अंतरराष्ट्रीय टीम ने पृथ्वी के चुंबकीय ध्रुवों लेकर किया यह है दावा

वैज्ञानिकों की एक अंतरराष्ट्रीय टीम ने पृथ्वी के चुंबकीय ध्रुवों लेकर किया यह है दावा
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नई दिल्ली। वैज्ञानिकों की एक अंतरराष्ट्रीय टीम ने दावा किया है कि पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र में बदलाव की गति अभी तक माने जाने वाली गति से तेज है। टीम का कहना है कि चुंबकीय क्षेत्र में यह बदलाव दो शताब्दियों में भी हो चुका है।

पृथ्वी एक चुंबक की तरह है जिसका अपना उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव हैं। पृथ्वी के चुंबकीय प्रभाव के कारण अंतरिक्ष से आने वाले विकिरण और सौर तूफान से पृथ्वी के जीव-जन्तु बचे रहते हैं। आम तौर पर यह ध्रुव हजारों सालों में आपस में बदलते आए हैं। इस चुंबकीय बदलाव के दौरान पृथ्वी का सुरक्षा कवच कमजोर पड़ जाता है।

ऑस्ट्रेलियाई राष्ट्रीय विश्वविद्यालय (एएनयू) के प्रोफेसर एंड्रयू रॉबर्ट्स, नेशनल ताइवान विश्वविद्यालय में प्रोफेसर चुआन-चौउ शेन और दक्षिणी विश्वविद्यालय विज्ञान और प्रौद्योगिकी के प्रोफेसर डॉ यू-मिन चौउ की एक अंतरराष्ट्रीय टीम द्वारा आयोजित अध्ययन में यह जानकारी सामने आई है।

वर्तमान में अगर ऐसी कोई घटना होती है तो दुनिया का पूरा बिजली नेटवर्क बर्बाद हो सकता है, जिससे दुनिया फिर से अंधेरे में लौट जाएगी। दक्षिण-पश्चिमी चीन से चट्टान के नमूनों का विश्लेषण करने के बाद पाया गया है कि पृथ्वी की ध्रुवीयता में बदलाव अब तक माने जाने वाली गति से कहीं अधिक तेज हो सकता है। हालांकि इस तरह की घटना वास्तव में होने की संभावना कम है, लेकिन इन खोजों ने चुंबकीय ध्रुवों के बारे में हमारी सामान्य धारणा को बदल दिया है।

Updated : 23 Aug 2018 8:12 PM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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