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ओ हुजूर! हाईस्कूल की परीक्षा करवाना जरूर, छात्रों ने सीएम योगी से लगाई गुहार

मेहनती छात्रों का कहना है परीक्षा निरस्त होने की स्थिति में वो छात्र हम मेधावियों से आगे निकल जाएंगे जो शिक्षकों के परिवार से है, उनके चहेते हैं, जो पैसों के दम पर या अन्य तरीकों से छल कपट कर निर्धन और मेधावियों से अधिक अंक अर्जित कर लेंगे।

Update: 2021-05-16 09:24 GMT

बहराइच (अतुल अवस्थी): 'ओ हुजूर हाईस्कूल की परीक्षा करवाना जरूर' यह उन मेधावियों की गुहार है जो स्वदेश के माध्यम से मुख्यमंत्री योगी और उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा तक अपनी आवाज पहुंचाना चाहते हैं। हाईस्कूल के मेधावियों को परीक्षा निरस्त होने की स्थित में अपने भविष्य की चिंता सता रही है। उनका कहना है परीक्षा निरस्त होने की स्थिति में वो छात्र हम मेधावियों से आगे निकल जाएंगे जो शिक्षकों के परिवार से है, उनके चहेते हैं, जो पैसों के दम पर या अन्य तरीकों से छल कपट कर निर्धन और मेधावियों से अधिक अंक अर्जित कर लेंगे।

जिले के मेधावी छात्रों का कहना है कि किसी भी सूरते हाल में हाईस्कूल की परीक्षा निरस्त न हो। सरकार वैश्विक महामारी से बचाव कराते हुए कठोर गाइडलाइन के निर्देशों के तहत बोर्ड परीक्षा आयोजित कर उन विरोधियों को ईंट का जवाब पत्थर से दे सकती है जो कहते चले आ रहे हैं कि सरकार ने इस वर्ष शिक्षा व्यवस्था को पूरी तरह चौपट कर दिया है। मेधावियों का कहना है कि वह इसके लिये सरकार के साथ कदम ताल मिलाते हुए पूरी तरह तैयार हैं और उनके लिये एक नजीर बन उन्हें आइना दिखाना चाहते हैं जो आजकल कोरोना कर्फ्यू में भी निर्देशों का पालन न कर सोशल डिस्टेंसिंग सहित तमाम नियमो की धज्जियां उड़ा कोरोना महामारी को दावत दे रहें है और संक्रमण फैलाने में मददगार हैं।

सीबीएसई सहित कई राज्य के बोर्डों ने हाईस्कूल की परीक्षा रद्द और इंटरमीडिएट की परीक्षा स्थगित कर दी है। ऐसे में यूपी बोर्ड के मेधावी छात्रों को भी 10वीं की परीक्षा रद्द होने और अपना भविष्य ख़राब होने का डर सता रहा है। प्रस्तुत है यूपी बोर्ड परीक्षा के विषय पर स्वदेश संग छात्रों के मनोभाव का अंश

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सरकार को बोर्ड परीक्षा हर हाल में करानी चाहिये। कोरोना से बचाव के गाइड लाइन का पालन कराने का सबसे अच्छा विकल्प स्वकेंद्र परीक्षा है। क्योंकि छात्र अपने विद्यालय से भली भांति परिचित है और उसका विद्यालय घर से नजदीक भी है। इस महामारी के दौर में सरकार नियमो के तहत परीक्षा आयोजित कर विरोधियों की बोलती बंद कर सकती है। हम छात्र सरकार के साथ कदम ताल मिलाने को तैयार हैं।

- नीरज साहनी, कक्षा 10

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यह महामारी रूपी आपदा छात्रों के खुद के अध्यन को परखने का बेहतर अवसर लेकर आयी है। स्कूलों में बहुत ज्यादा पढ़ाई नहीं हो पायी है। हम सभी ने ऑनलाइन स्टडी और स्वाध्याय कर बोर्ड परीक्षा की तयारी की है। सेलेब्स भी मात्र सत्तर प्रतिशत कर दिया गया है। ऐसे में सरकार को बचाव के गाइड लाइन के तहत परीक्षा आयोजित कर हमें खुद को परखने का अवसर अवश्य देना चाहिये। जिससे हम अपने भविष्य के लिये तैयार हो सकें।

-अनुष्का तिवारी, छात्रा कक्षा 10

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यदि सरकार परीक्षा निरस्त करती है और अन्य नियमो के तहत अंक वितिरित करती है। तो ऐसे में यह पूरी आशंका है कि छल कपट करने वाले छात्र पैसों या अन्य तरीकों से अधिक अंक पा जायेंगे। जिससे निर्धन और मेहनती छात्र पिछड़ जाएंगे। जिससे हमारा भविष्य तो चौपट होगा ही और मेहनत करने से भी छात्रों का विश्वास उठ जायेगा। यदि परीक्षा निरस्त यह हम मेधावियों के साथ अन्याय होगा।

- अखिल कुमार, कक्षा 10

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मेधावियों के भविष्य के बारे में विचार किये बिना यदि सरकार परीक्षा निरस्त करती है। तो हम मेहनती छात्रों का विश्वास सरकार की नीतियों से उठ जायेगा। पीएम मोदी भी अपने हर भाषण में यही कहते हैं कि यह दौर युवाओं का है और युवा छात्र ही भविष्य के भारत के कर्णधार हैं। ऐसे में छात्रों को खुद को परखने का मौका देकर परीक्षा आयोजित करनी चाहिये। हम छात्र उन्हें आईना दिखा सकते है जो इस महामारी के समय नियमो को न मानते हुए कोरोना संक्रमण को दावत दे रहे हैं।

-विकास वर्मा, कक्षा 10

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कोरोना वायरस से डर कर हम घर में नहीं बैठ सकते। इसका हमें सामना करने को तैयार रहना ही होगा। 1 वर्ष से ज्यादा का समय बीत चुका है। हम कितना और समय व्यर्थ गवा देंगे। मास्क, सेनेटाइजर, टीकाकरण और सोशल डिस्टेंसिंग को हथियार बना हमें कोरोना के आगे डटना ही होगा। सरकार को चाहिये कि परीक्षा अवश्य आयोजित करवाये। जिससे हम नियमो का पालन न करने वालो के लिये नजीर बन सके और दिखा दे कि कैसे नियमो का पालन होता है।

- सोनू साहू, कक्षा 10

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परीक्षा आयोजित कर विरोधियों को ईट का जवाब पत्थर से देने का सरकार के पास अच्छा मौका है। यदि परीक्षा निरस्त होती है तो सरकार के यही विरोधी बाद में शोर मचाएंगे कि पहले तो पूरे वर्ष शिक्षा व्यवस्था धराशाई रही और अब मेधावियों के भविष्य की चिंता ना कर परीक्षा निरस्त कर दी गई। जिससे गैर मेहनती छात्र घूस देकर अधिक अंक अर्जित करंगे और मेधावी पीछे रह गए। हम छात्र सरकार के साथ हैं बशर्ते सरकार परीक्षा करवाये।

- मोहम्मद अरशद, कक्षा 10

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अभी कुछ दिन पूर्व सोशल मीडिया पर निरस्त बोर्ड एग्जाम का हैश टैग चल रहा था। जिसे जो छात्र नहीं थे वो नेता और अभिनेता भी सपोर्ट कर रहे थे । ऐसा हैश टैग चलाने वाले और परीक्षा निरस्त करने का सुझाव देने वाले लोग कायर हैं। क्योंकि डर कर घर में बैठने से कुछ नहीं होने वाला हमें हर चुनौती का सामना करना ही होगा। हमें नियमों का पालन कर महामारी से लड़ना ही होगा। ऐसे में सरकार को परीक्षा आयोजित कर कायरो की बोलती बंद कर देनी चाहिए।

-अंकित प्रजापति, कक्षा 10

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नियमों का पालन करने में छात्र ही सबसे ज्यादा अनुशासित है। सरकार को परीक्षा आयोजित कर छात्रों को अनुशासन का पालन करने की अवसर देना चाहिए। जिससे हम छात्र दिखा सके कि कैसे बिना डरे बचाव के नियमों का पालन कर महामारी को हराया जा सकता है। परीक्षा आयोजित करने से जहां मेधावी छात्रों का भविष्य उज्जवल हो कर हमारा भारत और निखरेगा। वही सफलता का शार्ट कट ढूंढने वाले हतोत्साहित होंगे।

-मोहम्मद अरमान, कक्षा 10

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