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रंगोत्सव में ब्रज काव्य के रंग में सराबोर हुए दर्शक

Update: 2019-03-13 16:55 GMT

वृन्दावन। उप्र ब्रज तीर्थ विकास परिषद के तत्वावधान में उप्र पर्यटन एवं संस्कृति विभाग के सहयोग से रमणरेती मार्ग स्थित वृंदावन शोध संस्थान में रसभीनौं बुलौआ रंगोत्सव-2019 का आयोजन किया गया, जिसमें प्रख्यात कवि एवं कलाकारों ने ब्रज काव्य की ऐसी रसधारा बहाई कि देर शाम तक दर्शकगण गोते लगाते रहे।

ब्रज तीर्थ विकास परिषद के सीईओ नागेंद्र प्रताप ने कहा कि भारतीय संस्कृति में कलाओं व विधाओं का अपना अलग महत्व है, जिन्हें जीवंत बनाए रखने के लिए इस प्रकार के आयोजन समय-समय पर होते रहने चाहिए। साथ ही उन्होंने छैलबिहारी उपाध्याय द्वारा रचित ग्रंथ तरंग का ओडियो (स्वरांकन) की प्रशंसा करते हुए कि यह स्वरांकन ब्रजवासियों के साथ संपूर्ण देश के लोगों को ब्रज की संस्कृति व विरासत से रूबरू कराएगी।

जीएलए विश्वविद्यालय के कुलाधिपति नारायणदास अग्रवाल ने कहा कि ब्रज की सांस्कृतिक परंपराओं को बचाने के लिए ब्रज तीर्थ विकास परिषद द्वारा रंगोत्सव का जो आयोजन किया जा रहा है, वह निश्चित रूप से ब्रज की परंपराओं के संरक्षण व संवर्धन की दिशा में अभिनव प्रयास है, जिसमें समाज के सभी वर्गों को सहयोग करना चाहिए।

इससे पूर्व देश के प्रख्यात कवि सोम ठाकुर, भूतेंद्र भरतपुरी, नरेंद्र शर्मा, श्यामसुंदर अकिंचन, वीरपाल निश्छल, राजकुमार रंजन, वि_ल पारीक, कमलेश कमल, राधागोविंद पाठक, दरियाव सिंह, अशोक अज्ञ एवं मोहनलाल मोही ने काव्य पाठ के माध्यम से ब्रज की होरी से जुड़ी कविता, पद, रसिया आदि की प्रस्तुति देकर श्रोताओं को ब्रज की होली में सराबोर कर दिया। वहीं भजन गायक ललित दीक्षित ने गोपीगीत स्वरांकन की गायन प्रस्तुति, वेदप्रकाश शर्मा ने वादन, सुदीक्षा ने नटन-गमन नृत्य तथा अंजू शर्मा ने साथी कलाकारों के साथ ब्रज फाग के नृत्यों की मनमोहक प्रस्तुतियां देकर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस कार्यक्रम में कपिलदेव उपाध्याय, आचार्य श्रीवत्स गोस्वामी, राधाकृष्ण पाठक, नामदेव शर्मा, मार्तंड उपाध्याय, विष्णुमोहन नागार्च, सुरेशचंद्र शर्मा, सतीश नारायण दीक्षित, डा. उमेशचंद शर्मा आदि उपस्थित थे। 

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