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जनता के जीवन को बचाने के बजाय झूठे आंकड़ो की बाजीगरी में जुटीं हैं सरकारें- प्रमोद तिवारी

उन्होनें कहा कि सरकार अभी भी गलतियों से सबक सीखने और महामारी के भयानक दौर में देश की जनता के जीवन को बचाने की बजाय झूठे आंकडो की बाजीगरी कर रही है।

Update: 2021-05-05 13:26 GMT

प्रतापगढ़: केन्द्रीय कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य प्रमोद तिवारी ने कोरोना महामारी के भयानक दौर को लेकर इलाहाबाद उच्च न्यायालय की सरकार के प्रबन्धों को लेकर तल्ख टिप्पणी को ऑक्सीजन की उपलब्धता न करा पाने में केंद्र व राज्य सरकार के कुप्रबंधन पर करारा तमाचा करार दिया है।

सीडब्लूसी मेंबर प्रमोद तिवारी ने कहा कि हाईकोर्ट ने अपने साहसिक समीक्षा के तहत यह कहकर कि पूरे प्रदेश में आक्सीजन न देने पाने वाली सरकार का यह आपराधिक कृत्य है और हाईकोर्ट ने इसे नरसंहार ठहराते हुए जिस तरह की चिंता जताई है वह सरकार के लिए शर्मनाक है।

श्री तिवारी ने कहा कि दिल्ली व मद्रास हाईकोर्टो ने भी आक्सीजन को लेकर जो समीक्षा की है उत्तर प्रदेश के हालात पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय की समीक्षा में सरकार की विफलता प्रतिध्वनित हो रही है।

श्री तिवारी ने कहा कि यह टिप्पणी किसी भी सरकार के खिलाफ सबसे शर्मनाक नसीहत के रूप में सामने आई है। उन्होनें कहा कि सरकार अभी भी गलतियों से सबक सीखने और महामारी के भयानक दौर में देश की जनता के जीवन को बचाने की बजाय झूठे आंकडो की बाजीगरी कर रही है।

मीडिया प्रभारी ज्ञानप्रकाश शुक्ल के हवाले से बुधवार को जारी बयान में प्रमोद तिवारी ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र से लेकर नगरीय क्षेत्र में अभी तक कोरोना के संपूर्ण जांच नही हो पा रही है। ऐसे में संपूर्ण जांच की स्थिति में महामारी से पीडितो का आंकडा कई गुना अधिक सामने आयेगा।

वहीं सीडब्लूसी मेंबर प्रमोद तिवारी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा गृह मंत्री अमित शाह को भी पश्चिम बंगाल में आठ चरणों तथा उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव चार चरणों में भाजपा के फायदे के लिए कराने के निर्णय को भी ब्लडर भूल करार दिया है। बकौल प्रमोद तिवारी इतने अधिक चरणों में इन चुनावों को कराया जाना कोरोना को घर घर दावत देना था।

उन्होनें कहा कि पंचायत चुनाव को तीन माह के लिए स्थगित कर देना चाहिये था जिससे कोरोना का पीक निकल जाता। उन्होनें कहा कि अब यह साबित हो गया है कि प्रधानमंत्री एवं भाजपा के लिए पार्टी हित सर्वोपरि है और देशहित बाद में।

उन्होनें पश्चिम बंगाल का चुनाव जीतने के लिए प्रधानमंत्री पर देश की एक सौ तीस करोड़ की जनता के जीवन को भी दांव पर लगाए जाने की तल्ख प्रतिक्रिया भी जताई है।

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