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गोण्डा लोकसभा सीट पर सात बार रहा राजघराने का कब्जा!

Update: 2019-03-29 07:27 GMT

गोण्डा। देश भर में लोकतंत्र के पर्व का महासंग्राम शुरू हो गया है। राजनीतिक पार्टियों के प्रत्याशी घोषित किए जाने के बाद जिले में सियासी हलचल तेजी से बढ़ गई है। राजनीति के पंडित अपने जोड़ घटाव में जुट गए हैं। गोण्डा लोकसभा सीट को देखा जाए तो इस सीट पर विभिन्न राजनीतिक दलों के चुनाव निशान पर पिता-पुत्र को मिलाकर सात बार मनकापुर राजघराने का कब्जा रहा है।

देश में वर्ष 1951-52 में लोकतंत्र का पर्व शुरू हुआ तो गोण्डा लोकसभा सीट से कांग्रेस के चौधरी हैदर हुसैन इस सीट के पहले सांसद चुने गए। वर्ष 1957 के चुनाव में कांग्रेस पार्टी से दिनेश प्रताप सिंह सांसद बने, तीसरे लोकसभा का चुनाव 1962 में हुआ, जिसमें राम रतन गुप्ता ने कांग्रेस पार्टी से अपनी जीत दर्ज कराई। 1967 में यहां से सुचेता कृपलानी सांसद चुनी गई। 1971 में इंडियन नेशनल कांग्रेस के टिकट पर राज घराने से कुंवर आनंद सिंह पहली बार सांसद बने। इसके बाद राज घराने का राजनीति में अच्छा खासा दखल रहा। 1977 के चुनाव में राजघराने को पराजय का मुंह देखना पड़ा, लेकिन 1980 में जनता ने एक बार फिर आनंद सिंह को भारी मतों से सांसद बनाया। फिर उसके बाद 1989 तक लगातार तीन बार इस सीट पर राजघराने का कब्जा रहा।

1991 में राम मंदिर से भाजपा के पक्ष में उपजी राम लहर के चलते भाजपा से बृजभूषण शरण सिंह सांसद बने। 1996 में भाजपा के टिकट पर इनकी पत्नी केतकी सिंह इस सीट से सांसद चुनी गई। लेकिन 2 साल बाद ही मध्यावधि चुनाव मे आनंद सिंह के पुत्र कीर्तिवर्धन सिंह 1998 में पहली बार सपा से सांसद बने। दुर्भाग्यवश देश को एक और मध्यावधि चुनाव झेलना पड़ा और एक साल बाद 1999 में बीजेपी से बृजभूषण शरण सिंह ने एक बार फिर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। 2004 में सपा के नेतृत्व में कीर्तिवर्धन सिंह उर्फ राजा भैया सांसद चुने गए। 2009 में कांग्रेस के टिकट से बेनी प्रसाद वर्मा यहां के सांसद बने। इसके बाद देश में भाजपा की एक ऐसी लहर आई जिसमें सभी पार्टियों के शीर्ष नेताओं की जमानत जप्त कर दी। नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में 2014 में भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर यहां से एक बार फिर कीर्तिवर्धन सिंह उर्फ राजा भैया सांसद चुने गए और उन्होंने अपना कार्यकाल बखूबी से निर्वाहन किया।

भाजपा ने एक बार फिर से 2019 के चुनाव मैं वर्तमान सांसद कीर्तिवर्धन सिंह को अपना प्रत्याशी बनाया है। इस बार इस लोकसभा सीट से सपा बसपा गठबंधन के उम्मीदवार विनोद कुमार सिंह उर्फ पंडित सिंह चुनावी मैदान में ताल ठोंक रहे हैं। पंडित सिंह गोण्डा सदर सीट से तीन बार विधायक व सपा सरकार में मंत्री रह चुके हैं। 2017 के चुनाव में तरबगंज विधानसभा सीट से सपा के उम्मीदवार थे और इन्हें पराजय का मुंह देखना पड़ा। कांग्रेस ने अपना दल एस की राष्ट्रीय अध्यक्ष कृष्णा पटेल को गोण्डा लोकसभा सीट से अपना अधिकृत प्रत्याशी घोषित किया है। इस बात की पुष्टि करते हुए उनकी पुत्री व अपना दल एस की राष्ट्रीय महासचिव पल्लवी पटेल ने गोण्डा में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर प्रत्याशी की घोषणा की। सभी प्रत्याशी मतदाताओं को अपने अपने पक्ष में लुभाने के लिए तरह तरह की बयान बाजी आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो चुका है। देखना यह है कि इस चुनावी महासमर में जनता किसके सर पर ताजपोशी करती है। यह बात अभी भविष्य के गर्त में छिपी हुई है।

देखना यह होगा की 19 के चुनाव में एक बार फिर से गोण्डा लोकसभा सीट पर राजघराने का कब्जा रहेगा या माया अखिलेश के गठबंधन के टिकट पर विनोद सिंह उर्फ पंडित सिंह बाजी मारने में कामयाब होते हैं अथवा अपना दल एस की राष्ट्रीय महासचिव अपना दल जन अधिकार मंच व कांग्रेस के गठबंधन का परचम लहरा पाएंगी।

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