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रायबरेली: भाजपा MLC दिनेश प्रताप सिंह ने कोरोना के खिलाफ युद्ध में दिए डेढ़ करोड़ रुपए

अभी हाल ही में उन्होंने 150 बेड़ हॉस्पिटल का कोविद हॉस्पिटल बनवाने का भी प्रस्ताव रखा था। रविवार को उन्होंने रायबरेली की आवश्यकता से डेढ़ गुना अधिक क्षमता का ऑक्सीजन प्लांट बनाने का रोडमैप प्लान भी शेयर किया।

Update: 2021-04-26 04:50 GMT


लखनऊ: रायबरेली के दिग्गज भाजपा नेता और एमएलसी दिनेश सिंह ने कोरोना से निपटने के लिए चार्ज संभाल लिया है। जब उन्हें शनिवार को जिला अधिकारी कार्यालय से ज्ञात हुआ कि उनके विधायक निधि खाते में लगभग 1.5 करोड़ रुपये सरकार द्वारा भेजे गये हैं तो तुरंत उन्होंने जिला अधिकारी को विधायक निधि खाते के पूरे रुपए करोना व्यवस्था में लगाने को कहा।

एमएलसी दिनेश प्रताप सिंह अभी 20 दिन से करोना हताहत थे और मौत के मुंह से बच कर निकले है लेकिन उनसे लोगों की पड़ा सही नहीं जा रही तो खुद अपनी टीम के साथ हॉस्पिटल, मरीज, डॉक्टर, कर्मचारी, ऑक्सीजन और अन्य सभी व्यवस्थाओं को ठीक करने में हाथ पैर मार रहे है। अभी हाल ही में उन्होंने 150 बेड़ हॉस्पिटल का कोविद हॉस्पिटल बनवाने का भी प्रस्ताव रखा था। रविवार को उन्होंने रायबरेली की आवश्यकता से डेढ़ गुना अधिक क्षमता का ऑक्सीजन प्लांट बनाने का रोडमैप प्लान भी शेयर किया। होम आइसोलेशन वाले जरूरतमंद मरीजों को भी ऑक्सीजन देने के लिए वो ऑक्सीजन प्लांट के लिए एक हफ्ते से काम कर रहे थे।

एमएलसी बोले मेरी भावना है, मेरा निर्णय है, कि मेरे खाते में उपलब्ध रुपये 1.5 करोड़ की धनराशि रायबरेली वासियों की सेवा में इस कोरोना महामारी से रक्षार्थ एक माह में व्यय कर राहत दी जाये, मुझे एहसास है कि यदि सिर्फ जनपद वासियों को यह भरोसा हो जाये, कि मुझे जरूरत पर ऑक्सीजन मिलेगी, तो वह काफी हद तक कोरोना से लड़ने में सक्षम हो जायेंगे। इसके अधिष्ठापन हेतु उन्होंने राजपत्रित अधिकारी मनोनीत करने हेतु एक पत्र जिला अधिकारी को लिखा जो सम्पूर्ण प्रक्रिया को पूर्ण कराकर 15 दिवस के भीतर ऑक्सीजन उत्पादन प्रारम्भ कर दे।

एमएलसी ने कहा कि मेरी विधायक निधि से 100 सिलेंडर ऑक्सीजन प्रतिदिन (30 दिन तक) सिर्फ होम आइसोलेशन वाले जरूरतमंद (सम्पूर्ण जनपद के मरीजों को चाहे वह शहरी हों या ग्रामीण) को उपलब्ध करायी जाय। प्रत्येक विधान सभा मुख्यालय पर एक स्टोर बनाकर स्थान चिन्हित कर उस स्थान का प्रचार-प्रसार कर दिया जाए, जिससे जरूरतमंद को भटकना न पड़े।

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