संस्कृति विश्वविद्यालय में हर्षोल्लास से मना होलिकात्सव

Update: 2019-03-23 18:00 GMT

होली प्रेम और भाईचारे का त्यौहार : सचिन गुप्ता

मथुरा। ब्रज की होली देश-दुनिया में अपने तौर-तरीकों के लिए जानी-पहचानी जाती है। संस्कृति विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने रंगों के इस त्यौहार को न केवल सद्भावपूर्ण वातावरण में मनाया बल्कि कई घंटे तक गीत-संगीत के बीच जमकर रंग-गुलाल उड़ाया।

इस अवसर पर कुलाधिपति सचिन गुप्ता ने छात्र-छात्राओं को होली की बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति की सबसे बड़ी विशेषता उसके तीज-त्यौहार हैं। भारत में त्यौहारों एवं उत्सवों का सम्बन्ध किसी जाति, धर्म, भाषा या क्षेत्र से न होकर सद्भाव से है। होली को लेकर देश के विभिन्न क्षेत्रों में भिन्न-भिन्न मान्यतायें और परम्पराएं हैं, शायद यही विविधता में एकता भारतीय संस्कृति की पहचान भी है।

कुलपति डॉ. राणा सिंह ने कहा कि होली का त्यौहार मनाना तभी सार्थक होगा जब हम इसके वास्तविक महत्व को समझकर उसके अनुसार आचरण करें। इसलिए वर्तमान परिवेश में जरूरत है कि इस पवित्र त्यौहार पर आडम्बर की बजाय इसके पीछे छुपे हुए संस्कारों और जीवन मूल्यों को अहमियत दी जाए तभी व्यक्ति, परिवार, समाज और राष्ट्र का कल्याण सम्भव होगा। कुलपति डॉ. सिंह ने कहा कि होली रंगों का त्यौहार है, हंसी-खुशी का त्यौहार है।

ओएसडी मीनाक्षी शर्मा ने कहा कि होली पर्व के पीछे तमाम धार्मिक मान्यताएं, मिथक, परम्पराएं और ऐतिहासिक घटनाएं छुपी हुई हैं। लोकसंगीत, नृत्य, नाट्य, लोककथाओं, किस्से-कहानियों और यहाँ तक कि मुहावरों में भी होली के पीछे छिपे संस्कारों, मान्यताओं व दिलचस्प पहलुओं की झलक मिलती है। होली का त्यौहार हमें सभी मतभेदों को भुलाकर एक-दूसरे को गले लगाने की प्रेरणा प्रदान करता है। रंग हमें प्रसन्न रहने की प्रेरणा देते हैं। संस्कृति विश्वविद्यालय के होलिकोत्सव में न केवल छात्र-छात्राओं ने जमकर गुलाल उड़ाया बल्कि प्राध्यापकों ने भी एक-दूसरे से गले मिलकर एक-दूसरे को होली की शुभकामनाएं दीं। 

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