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जन्मभूमि पर लठामार होली की मची धूम

Update: 2019-03-17 16:19 GMT

गुलाल वर्षा से आसमां हुआ सतरंग

मथुरा। श्रीकृष्ण-जन्मस्थान के लीलामंच पर आज रंगभरी एकादशी पर रविवार को परंपरागत लठामार होली के कार्यक्रम बड़े ही हर्षोल्लास पूर्ण माहौल में सम्पन्न हुआ।

श्रीकृष्ण-जन्मस्थान की सुप्रसिद्ध लठामार होली महोत्सव का शुभारम्भ भगवान गणेश की स्तुति एवं वन्दना के साथ दोपहर लगभग 2 बजे हुआ। श्रीकृष्ण-जन्मभूमि की इस अलौकिक लठामार होली में हुरियारों द्वारा धारण की हुई ढाल एवं तेल में भीगी हुरियारिनों की रंग-बिरंगी लाठियां भी प्रिया-प्रियतम की अलौकिक होली भाव उत्पन्न कर रहीं थी।

होली के परंपरागत लोकगीत एवं भजन का गायन एवं उस पर ब्रज क्षेत्र, बांदा, दिल्ली व राजस्थान (अलवर) के विशिष्ट कलाकारों द्वारा नृत्य आदि कर, प्रिया-प्रियतम की इस होली का रस एवं भावमय प्रस्तुतीकरण किया। जन्मस्थान प्रांगण में फूलों की होली के मध्य गायन एवं लठ और ढाल के साथ परस्पर होली खेलते ग्राम रावल एवं श्रीकृष्ण संकीर्तन मण्डल के हुरियारे-हुरियारिनों को देखकर प्रिया-'प्रियतम की प्रिय होली लीला सजीव एवं साकार हो उठी। लठामार होली के मध्य हुई पुष्प एवं गुलाल की वर्षा से नयनाभिराम अलौकिक दृश्य उत्पन्न हो गया। होली के इस विशेष अवसर पर कई कुन्टल गुलाल व पुष्पों की वर्षा मशीनों द्वारा की गई।

लठामार होली कार्यक्रम के मध्य गोवर्धन के राजेश शर्मा के श्याम लोक कला मंच के कलाकार, बांदा एवं अलवर राजस्थान एवं दिल्ली के विक्की जुनेजा एवं श्रुति खन्ना आदि के विभिन्न कलाकारों ने भी अपनी शानदार प्रस्तुति दी।

इस अवसर पर विशेष रूप से पधारे काष्र्णि गुरू शरणानन्द महाराज ने मंच पर विराजमान युगल सरकार राधाकृष्ण के स्वरूप की आरती की। काष्र्णि गुरू शरणानन्दजी महाराज का स्वागत संस्थान के सचिव कपिल शर्मा, सदस्य गोपेश्वरनाथ चतुर्वेदी, लठामार होली समिति के अध्यक्ष किशोर भरतिया, नन्दकिशोर अग्रवाल एवं अनिल अग्रवाल आदि ने किया।

जन्मस्थान के लीलामंच पर हुऐ विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों को देखने हेतु महिला श्रद्धालुओं के बैठने की विशेष व्यवस्था संस्थान प्रबंधन द्वारा की गई।  

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