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बायर्स के साथ ही बिल्डर्स की भी समस्या का समाधान करेंगे : योगी आदित्यनाथ

- मुख्यमंत्री ने रियल एस्टेट विनियमन और विकास अधिनियम के राष्ट्रीय अधिवेशन को किया संबोधित

Update: 2019-11-04 07:18 GMT

लखनऊ। हम किसी के प्रति पूर्वाग्रही न बने। हमें आगे बढ़ना है। हमें रोटी, कपड़ा व मकान को एक साथ करके देखना है। यह तीनों ही महत्वपूर्ण है। इसका कारण है कि मनुष्य ईश्वर की सबसे श्रेष्ठ कृति है और वह खानाबदोश की तरह नहीं रह सकता। मकान के लिए हमें बायर्स के हितों का संरक्षण करने के साथ ही बिल्डर्स की समस्या का भी समाधान करना है। इसके तहत ही हम एक वर्ष में ही एक लाख से अधिक मकान दिलाने में सफल हुए।

यह बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में (रियल एस्टेट विनियमन और विकास अधिनियम (रेरा) के राष्ट्रीय अधिवेशन को संबोधित करते हुए कहीं। उन्होंने कहा कि किसी समस्या के समाधान की दिशा में ठोस पहल होनी चाहिए। हमें बिना किसी भेदभाव के आगे बढ़ना है। इसके लिए हमारी सरकार ने मकान दिलाने के लिए एक कमेटी का भी गठन किया है। उसने भी अपनी रिपोर्ट दी। इस पर हमारी सरकार आगे बढ़ी और समस्याओं का समाधान किया। किसी समस्या का समाधान और आगे बढ़ने के लिए निर्णय लेने की क्षमता होनी चाहिए और निर्णय में कोई शिकार न हो। इस पर ध्यान देना चाहिए।

पिछली सरकारों में घरों का सपना इस कारण अधूरा रहा, क्योंकि वे समस्याओं का समाधान नहीं करना चाहते थे। वे हमेशा समस्या पैदा कर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने में विश्वास करते थे। यही कारण था कि पिछली सरकारों में 12 वर्ष से जो वायर्स जो परेशान थे। इसका यही कारण था कि पिछली सरकारों में निर्णय लेने की क्षमता नहीं थी। वे भ्रष्टाचार को बढ़ावा देते रहते थे। इसी का दुष्परिणाम था कि वायर्स ने जो पैसा लगाया, वह कहीं दूसरी जगह लगा दिया गया। इस कारण वायर्स परेशान रहा। उसे मकान नहीं मिल पाता था। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार बनने के बाद 20 हजार मामले हमारे सामने आए, जिसमें 12 हजार से अधिक मामलों को दोनों पक्षों को संतुष्ट करते हुए सुलझा दिया। पहले उत्तर प्रदेश में काई आना नहीं चाहता था। इसका कारण था, यहां का भ्रष्टाचार और अपराध। हमारी सरकार के गठन के बाद से यहां बहुत सुधर चुका है। इसी का परिणाम है कि यहां सब आना चाहते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि रेरा के यहां पर चलने वाले कांक्लेव में अलग-अलग अनुभव सामने आएंगे। रेरा द्वारा विभिन्न राज्यों में कराये कार्य के लिए रेरा की टीम को बधाई देता हूं। उन्होंने कहा कि जब हमारी सरकार बनी तो बहुत लोग कहते थे कि सीएम को नोयडा व ग्रेटर नोयडा नहीं जाना चाहिए। मैं आस्थावान व्यक्ति हूं, इस कारण मैं भी सोच में पड़ गया कि वहां क्यों नहीं जाना चाहिए। फिर एक संगठन मेरे पास आया, तो मैं उससे मिला और बातचीत से अनुभव हुआ कि वहां समस्याओं के कारण कोई नहीं जाना चाहता। तब मैं सोचा कि वहां जाकर समस्याओं का समाधान किया जा सकता है। पहले के लोग वहां की समस्याओं का समाधान नहीं चाहते थे, इस कारण वहां जाना नहीं चाहते थे। वहां जाने से समस्याओं का समाधान होगा। मैं गया और समस्याओं का समाधान हुआ।

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