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अखिलेश से मुलाकात के बाद आरएलडी के हिस्से में आ सकती है एक और सीट

Update: 2019-01-16 15:22 GMT

लखनऊ। राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी) के महासचिव और पूर्व सांसद जयंत चौधरी की बुधवार को समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव से हुई मुलाकात के बाद आरएलडी के हिस्से में एक सीट बढ़ने की सम्भावना है।

सपा के उच्च पदस्थ सूत्रों ने आज यहां 'हिन्दुस्थान समाचार' को बताया कि आरएलडी नेता ने पूर्व सीएम अखिलेश से पांच सीट देने की मांग की लेकिन श्री यादव ने इतनी सीट देने से साफ इन्कार कर दिया। सूत्रों ने बताया कि अखिलेश ने शर्त रखी कि वे रालोद के चुनाव चिन्ह हैंडपम्प पर एक और उम्मीदवार उतार सकते हैं लेकिन वह प्रत्याशी सपा से जुड़ा होगा। यह प्रयोग विधान सभा चुनाव में अपना दल और भारतीय जनता पार्टी के बीच हो चुका है। अपना दल के एक या दो उम्मीदवार मैदान थे लेकिन उनका चुनाव चिन्ह कमल था।

श्री चौधरी ने बागपत, मथुरा, कैराना, हाथरस और मुजफ्फरनगर की मांग रखी थी, लेकिन श्री यादव ने इन सीटों के लिये साफ मना कर दिया। श्री यादव ने कह दिया है कि रालोद के चुनाव चिन्ह पर सपा के संजय लाठर को लड़ाया जा सकता है। इस तरह तीन सीट रालोद को मिल जायेगी और सपा का एक और सदस्य चुनाव भी लड़ लेगा। रालोद के लिये सपा-बसपा ने अभी केवल दो सीटें ही छोड़ी है।

इससे पहले अखिलेश यादव से करीब एक घंटे तक बातचीत करने के बाद जयंत ने बताया कि गठबंधन में उनके दल को लेकर लचीला रुख अपनाया गया है। बातचीत बहुत ही सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई है। सीटों के बंटवारे को लेकर कोई पेंच नहीं है। उन्होंने साफ किया कि भाजपा के तानाशाही रवैये के खिलाफ विपक्ष एकजुट है और भाजपा को हर हाल में हराया जाएगा। सपा कार्यालय में हुई बातचीत को उन्होंने सकारात्मक बताते हुए कहा कि अखिलेश का रुख सहयोगात्मक रहा है।

गौरतलब है कि गत 12 जनवरी को अखिलेश यादव और मायावती गठबंधन का औपचारिक ऐलान कर चुके हैं। इसके तहत उत्तर प्रदेश में लोकसभा की कुल 80 सीटों में से 38-38 सीटें दोनों दलों ने आपस में बांटी हैं। अमेठी और रायबरेली संसदीय सीट कांग्रेस के लिए छोड़ी गई है, जबकि दो सीटें अन्य साथियों को देने का फैसला मायावती और अखिलेश ने किया है।

माना जा रहा है कि यह दो सीटें रालोद के खाते में दी गई हैं, लेकिन रालोद चाहता है कि उसके लिए सीटों की संख्या और बढ़ाई जाए। इसी सिलसिले में जयंत चौधरी ने आज अखिलेश यादव से मुलाकात की।(हि.स.)

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