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उप्र : हिंसा भड़काने के आरोप में पीएफआई के 108 लोग गिरफ्तार

Update: 2020-02-03 06:40 GMT

लखनऊ। हिंसा भड़काने के आरोप में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के 108 लोगों को पिछले चार दिनों के अंदर गिरफ्तार किया गया है। उत्तर प्रदेश के गृह विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी अवनीश के. अवस्थी ने सोमवार को इस बात की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह गिरफ्तारी पूर्व में 25 लोगों को कब्जे में लेने के अलावा की गई है।

अवनीश अवस्थी ने आगे कहा, वित्तीय लेनदेनों की सूचना समेत संगठन के बारे में और ज्यादा जानकारी जुटाई जा रही है। केन्द्रीय एजेंसियों से भी सहायता ले रहे हैं। हमारा मकसद उनकी पहचान कर उन पर कार्रवाई करना है।

इससे पहले, मेरठ पुलिस ने शनिवार को पीएफआई सदस्यों की गिरफ्तारी के लिए बड़े स्तर पर अभियान चलाया। देर रात तक जिलेभर में छह गिरफ्तारियां हुईं। इसमें परतापुर से कारी इरफान निवासी सैलाना, सरूरपुर से मुस्तकीम निवासी खिवाई, इंचौली से कारी ओसामा निवासी लावड़ और लिसाड़ी गेट से अय्यूब निवासी श्यामनगर, महताब निवासी अहमदनगर व शोएब निवासी इस्लामनगर को गिरफ्तार किया गया। इनसे बरामदगी कुछ नहीं हुई। पुलिस का दावा है कि ये सभी पीएफआई के सदस्य हैं। शांतिभंग की आशंका के मद्देनजर सभी के विरुद्ध धारा-151 में मुकदमा दर्ज हुआ।

रविवार को पुलिस ने छह अभियुक्तों को स्पेशल मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया। यहां से कारी इरफान को 14 दिन के लिए जेल भेज दिया गया। शेष पांचों को हाथोंहाथ जमानत दे दी गई। पुलिस यह साबित नहीं कर पाई कि इन युवकों से किस तरह की शांतिभंग होने का खतरा था। या फिर 20 दिसंबर की हिंसा में इनकी क्या भूमिका रही। फिलहाल फंडिंग की बात भी पुख्ता नहीं हो पाई। यही वजह रही कि पुलिस को महज 151 में कार्रवाई करनी पड़ी।

हापुड़ कोतवाली पुलिस ने नदीम निवासी गांव अठसैनी को गिरफ्तार किया है। पुलिस के मुताबिक, नदीम का संबंध पीएफआई से है। पुलिस ने धर्म के नाम पर लोगों में नफरत फैलाने, दंगा भड़काने, गैर कानूनी तरीके से सभा एवं बैठक करने के साथ साथ सरकारी कर्मचारियों पर हमला करने और दूसरों की जान को खतरे में डालने के मामलें में आरोपी पर मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया है। 

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