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स्वरों की तरंग से गुंजायमान हो उठा ताज महोत्सव का मुक्ताकाशीय मंच

Update: 2019-02-19 16:18 GMT

 मांडू की श्वेता जोशी के शास्त्रीय गायन को मिली श्रोताओं की सराहना 

आगरा। ताजमहोत्सव के दूसरे दिन मुक्ताकाशीय मंच पर शास्त्रीय संगीत की एक से बढक़र एक प्रस्तुति ने शहरवासियों को रसबोर कर दिया। मप्र की मांडू से आयीं विख्यात शास्त्रीय गायिका श्वेता जोशी की प्रस्तुति को श्रोताओं की जमकर सराहना मिली। श्वेता ने राम मारू बिहाग में ख्याल गायन प्रस्तुत किया। उन्होंने मध्यलय त्रिताल में 'जय जगदीश्वरी मात भवानी' का गायन किया। लय के उतार-चढ़ाव, गमक और मीड़ के मिश्रण से तानों का विस्तार श्रोताओं को आनंदित कर गया। अपने गायन का समापन उन्होंने तुलसीदास जी के प्रसिद्ध भजन 'कुटुम्ब तजी शरण राम तेरी' के साथ किया। श्वेता जोशी के साथ तबला पर कुशल संगत नगर के लिए हरिओम माहौर ने की। हरिओम माहौर ने संगत में तिहाईयों का बखूबी प्रयोग किया। हरमोनियम पर संगत पं. रविंद्र तलेगांवकर ने की। इससे पूर्व अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त गिटार वाटक पं. देवाशीष भट्टाचार्य ने अपनी प्रस्तुति दी। विभिन्न गतों का प्रयोग करते हुए देवाशीष ने आपाल, जोड़ और झाला और बाद में मध्य व द्रुत गति में दो रचनाएं सुनाईं। अर्चना माथुर ने कथक, अमित प्रताप ने गायन, उदिति सिंह ने भरतनाट्यम, निशि राज ने गायन, ओस सत्संगी ने गायन, रवि भटनागर ने स्वर तरंग, राकेश श्रीवास्तव ने भोजपुरी संगीत, शिप्रा चंद्रा ने अवधी गायन और पं. मुरारीलाल लाल शर्मा ने ब्रजलोक गीत एवं नृत्य की प्रस्तुति दी।

सूरसदन व सदर बाजार में भी सजी सांस्कृतिक संध्या

ताजमहोत्सव के अंतर्गत सूरसदन प्रेक्षागृह में रंगलोक कथक केंद्र द्वारा रामधुन भजनों की प्रस्तुति दी। रंगलोक सांस्कृतिक संस्थान द्वारा नाटक कबीरा खड़ा बाजार में प्रस्तुत किया गया। वहीं सदर बाजार में पप्पू खान द्वारा बैंड की प्रस्तुति दी गई।

थीम पर आयोजित हुआ फैशन शो

ताज महोत्सव के मुक्ताकाशीय मंच पर आईआईएफटी के फैशन शो में मॉडल ने जमकर अपना जलवा बिखेरा। द्य दिल्ली से आयी मॉडल्स ने अपनी रंग बिरंगी पोशाकों से सभी का दिल जीत लिया। शो का निर्देशन पलब बोस ने किया। कोरियोराफी अंशिका सक्सेना की रही। धन्यवाद आईआईएफटी के निर्देशक विनीत बवानिया ने दिया। ताज महोत्सव के मुक्ताकाशीय मंच पर शास्त्रीय गायन प्रस्तुत करतीं श्वेता जोशी। तबला पर संगत करते हरिओम माहौर, हारमोनियम पर पं. रवींद्र तलेगांवकर।

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