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पिता की अस्थियों को देख सुध-बुध खो बैठा शहीद का पुत्र

Update: 2019-02-18 15:55 GMT

 स्वयं के आंसू बहने से नहीं रोक सके मौजूद लोग  किसी तरह स्वयं को और फिर बेटे विकास को संभाला

आगरा। पुलवामा आतंकी हमले में शहीद सीआरपीएफ के जवान कौशल कुमार रावत की शहादत से पूरा परिवार टूट चुका है। परिवार के सदस्य रह रहकर उनकी बीती बातों को याद करके रोए जा रहे हैं। सोमवार को कौशल कुमार रावत का छोटा बेटा जब उनकी अस्थियां चुनने पहुंचा तो पिता की अंगुली को ढूंढने लगा। कहने लगा पापा की अंगुलि पकड़कर ही चलना सीखा था। बेटे की इस हालत को देखकर वहां मौजूद अन्य लोग भी भावुक हो गए। उसके बाद लोगों ने उनके बेटे को संभाला और खुद अस्थियां चुनकर कलश में रखीं।

बता दें कि जिस समय शहीद सीआरपीएफ जवान कौशल कुमार का शव घर पर आया था तो ताबूत में बंद था। शव क्षत विक्षत होने के कारण बेटा पिता के पार्थिव शरीर को भी नहीं देख पाया था। सोमवार को जब छोटा बेटा विकास परिवार के लोगों के साथ पिता की अस्थियां चुनने पहुंचा तो उसकी आंखों से आंसू बहने लगे।

अचानक वो उन अस्थियों में अपने पापा की अंगुली तलाशने लगा। कहने लगा पापा ने अंगुली का सहारा देकर चलना सिखाया था। जब भी लडख़ड़ाता था तो पापा की अंगुली जोर से पकड़ लेता था, लेकिन उसे उन अस्थियों में इस बार पिता की अंगुली भी नहीं मिली, क्योंकि आतंकियों के कायराना हमले में शहीद के दोनों हाथ भी क्षत विक्षत हो गए थे।

अस्थियां सामने देखकर वह फफक पड़ा। अस्थियों को हाथ में लेकर कहने लगा कि पिता की शहादत का बदला जरूर लिया जाएगा। उसको भावुक होते देखकर चचेरे भाई प्रदीप, संदीप, आकाश और पवन ने उन्हें सहारा दिया। खुद अस्थियां चुनीं और उन्हें कलश में रख लिया।


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