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बच्चों की समस्याओं के प्रति संवेदनशील रहने के निर्देश

Update: 2019-02-06 16:24 GMT

आगरा। राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य डॉ. शुचिता चतुर्वेदी ने बुधवार को सर्किट हाउस में सम्बन्धित अधिकारियों के साथ बाल अधिकारों के संरक्षण व पुनर्वासन से सम्बन्धित विभिन्न अधिनियमों के अन्तर्गत संचालित योजनाओं की तथ्यात्मक समीक्षा की तथा जनपद में संचालित सरकारी व गैर सरकारी संस्थाओं के प्रभारियों के साथ वार्ता की।

बैठक में सदस्य ने कहा कि उनके द्वारा राजकीय कन्या जूनियर हाईस्कूल कोठी मीना बाजार, उच्च प्राथमिक विद्यालय मालवीय कुन्ज लोहा मण्डी, प्राथमिक एवं जूनियर विद्यालय दतकईया तथा प्राथमिक विद्यालय बुढ़ान सैयद के निरीक्षण में शिक्षा का अधिकार अधिनियम का पालन नहीं किये जाने, स्कूलों में शौचालय की स्थिति ठीक न होने, पानी की व्यवस्था एवं बच्चों के बैठने की व्यवस्था सहित अन्य कमियां पायी गयी। जिसपर उन्होंने नाराजगी प्रकट करते हुए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से कहा कि वे विद्यालयों में शौचालयों को ठीक करायें तथा विद्यालय में पानी, बच्चों के बैठने एवं शिक्षक-छात्र अनुपात ठीक प्रकार से सुनिश्चित किया जाय। उन्होंने कहा कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अन्तर्गत पात्र बच्चों का ही प्राईवेट स्कूलों में प्रवेश हो यह सुनिश्चित किया जाय। इसके साथ ही इसका व्यापक प्रचार-प्रसार कराया जाय। उ

न्होंने इस सम्बन्ध में नगर मजिस्ट्रेट को निगरानी कमेटी बनाने को कहा ताकि अपात्र बच्चों का प्रवेश न होने पाये। 10 वर्ष से अधिक आयु के बालक एवं बालिकाओं के लिए जनपद आगरा में एक भी आश्रय गृह नहीं है, जिस पर उन्होंने इस सम्बन्ध में शासन को पत्र प्रेषित कर आवश्यक कार्यवाही करने को कहा। उन्होंने सभी अधिकारियों से कहा कि वे बच्चों की समस्याओं के प्रति संवेदनशील बनें।  

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