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गीत रामायण से और मजबूत होंगे उ.प्र. और महाराष्ट्र के संबंध

Update: 2019-01-03 16:55 GMT

आगरा। उत्तर प्रदेश में 10 से 19 जनवरी तक गीत रामायण के कार्यक्रम चार शहरों में होंगे। काशी से आरम्भ होकर आगरा, मेरठ होते हुए समापन लखनऊ में होगा। इस अनूठी पहल से दोनों प्रदेशों के पहले से ही सृुदृढ़ संबंध और सुदृढ़ होंगे। यह बात महामहिम राज्यपाल रामनाईक ने चार शहरों के प्रमुख लोगों के साथ हुई बैठक में कही। उन्होंने समाज के प्रतिनिधियों को राजभवन बुलाया था, जिनमें डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के कुलपति अरविन्द कुमार दीक्षित, मराठा समाज के अभय पोताडे इत्यादि शामिल थे।

ज्ञात हो कि उ.प्र. एवं महाराष्ट्र सरकार के मध्य इस प्रकार के सांस्कृतिक प्रकल्प पर सहमति राज्यपाल के प्रयासों से बनी थी, जो जनवरी में मूर्तरूप लेगी। दोनों प्रदेशों की सरकार इस प्रकल्प पर पूर्ण सहयोग कर रही हैं। यह सांस्कृतिक एवं स ंस्कृति का एक ऐसा अवसर है, जो भविष्य में याद किया जायेगा। गीत रामायण एक कालजयी रचना है, जो महाराष्ट्र की धड़कन है। इसके श्रोता दिनोदिन इस आपाधापी के युग में भी बढ़ते जा रहे हैं। बैठक में महामहिम ने कहा कि राजभवन में इसका समापन होगा। प्रदेश में एक नयी संचेतना का प्रवाह होगा। यह वर्ष गीत रामायण के सृजनकर्ता का शताब्दी वर्ष भी है। सृजनकर्ताओं की इस परम्परा को उनके यशस्वी पुत्रगण अपनी टोली के साथ आगे बढ़ा रहे हैं। वहीं उसी शैली ओर संगीत को जीवित रखे हैं, जो उन्हें विरासत में मिली थी। गीत रामायण का पहला चरण काशी में, दूसरा आगरा में और तीसरा लखनऊ में होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और देवेन्द्र फडनवीस शुभारम्भ करेंगे। आगरा में 13 और 14 जनवरी को कार्यक्रम होगा। 13 जनवरी को विश्वविद्यालय के जेपी सभागार में वह कुलपति स्वयं अध्यक्षता करेंगे। उप मुख्यमंत्रीएवं प्रभारी मंत्री डॉ. दिनेश शर्मा, महाराष्ट्र के मंत्री विनोद तावडे विशिष्ट अतिथि होंगे। 14 जनवरी के विशिष्ट कुलपति अरविन्द दीक्षित, श्रीधर फडके, आनछ माडगूलकर और स ाथी कलाकार प्रस्तुति देंगे। बैठक में कुलपति राजाराम शुक्ला (झांसी), नरेन्द्र तनेजा, श्रुति सडोलीकर लखनऊ, पर्यटन विभाग के उपनिदेशक अमित, आगरा महाराष्ट्र समाज के अध्यक्ष अभय पोताडे, मुकुल सोवनी मौजूद रहे।

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