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भारत को बहुराष्ट्रीय कंपनियों के चंगुल से बचाना होगा

-स्वदेशी जागरण मंच ने बाबू गेनू बलिदान दिवस पर आयोजित की गोष्ठी

Update: 2019-12-14 14:09 GMT

आगरा। श्री दत्तोपंत ठेंगडी जन्म शताब्दी समारोह समिति के तत्वावधान में शनिवार को स्वदेशी जागरण मंच, महानगर द्वारा स्वदेशी आंदोलन के लिए बलिदान देने वाले प्रथम शहीद बाबू गेनू का बलिदान दिवस मनाया।

खंदारी स्थित कुंवर काॅलोनी में आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित बंधुओं को संबोधित करते हुए स्वदेशी जागरण मंच के अ.भा. सह कोष प्रमुख सीए संजीव माहेश्वरी ने कहा कि महज 22 वर्ष की आयु में 12 दिसंबर 1930 में मुंबई निवासी बाबू गेनू विदेशी वस्त्रों का विरोध करते अंग्रेज अफसर द्वारा ट्रक के नीचे दबा दिए गए। उनके इस बलिदान ने पूरे देश में स्वदेशी आंदोलन की अलख जगा दी और देश में विदेशी कपड़ों का विरोध शुरू हो गया।

मुख्य वक्ता एडीजीसी विश्वेन्द्र प्रताप सिंह ने बाबू गेनू ने कहा कि स्वदेशी केवल अर्थ व्यवस्था तक ही सीमित नही है, बल्कि यह विचारों को प्रभावित करने की अलख है। उन्होंने  कहा कि आज अमेरिका, जर्मनी, जापान सहित दुनिया के ज्यादातर देश अपने देश में स्वदेशी की भावना को बढावा दे रहे हैं। भारत को भी स्वदेशी के विचार को गंभीरता से लेते हुये बहुराष्ट्रीय कम्पनियों के चंगुल से बचाना होगा। उन्होंने कहा कि चीन आज हमारे देश में खान पान से लकर सिन्दूर व श्रीमद्भागवत गीता तक का व्यापार करने लगा है। चीनी खाना तो अब हमारे देश में गांव-गांव तक पहुंच चुका है।

अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए प्रो. लवकुश मिश्रा ने कहा कि भारतीय समाज में हर छोटी चीज के लिए भी ब्रांडेड की मांग करना हमारी देश की अर्थव्यवस्था को चैपट कर रहा है। विशिष्ट अतिथि प्रांत कोष प्रमुख ऋषि बंसल ने बाबू गेनू के जीवन पर विस्तार से प्रकाश डाला। संचालन महानगर सह संयोजक डॉ संपूर्ण सिंह तथा धन्यवाद ज्ञापन महानगर संयोजक सीए सर्वेश वाजपेई ने दिया। कार्यक्रम में अनिल अग्रवाल, तरुण शर्मा, शकुन बंसल, रोहित महाजन, राहुल महाजन, उमेश गर्ग, अश्वनी चोपड़ा व अन्य प्रबुद्ध नागरिक उपस्थित रहे।


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