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बसपा ने रामवीर उपाध्याय को दिखाया बाहर का रास्ता

—अनुशासनहीनता का लगाया आरोप, असली वजह कुछ और

Update: 2019-05-21 15:08 GMT

आगरा। बहुजन समाज पार्टी ने रामवीर उपाध्याय को पार्टी से निलंबित कर दिया है। उन्हें उत्तर प्रदेश विधानसभा में बहुजन समाज पार्टी के मुख्य सचेतक पद से भी हटा दिया है। उन पर पार्टी की बैठकों में भाग लेने पर प्रतिबंध है। इस बारे में बसपा के राष्ट्रीय महासचिव मेवालाल गौतम ने पत्र जारी किया है। इसमें लोकसभा चुनाव के दौरान अनुशासनहीनता का आरोप लगाया गया है, लेकिन असली वजह कुछ और ही है

आगरा से मनोज सोनी, फतेहपुर सीकरी से श्रीभगवान शर्मा उर्फ गुड्डू पंडित और अलीगढ़ से डॉ. अजीत बालियान बसपा प्रत्याशी हैं। हाथरस सीट गठबंधन में समाजवादी पार्टी को गई है। यहां से रामजीलाल सुमन ने चुनाव लड़ा। इन सभी सीटों पर रामवीर उपाध्याय का हस्तक्षेप रहता है। हाथरस जिले की सादाबाद विधानसभा सीट से रामवीर उपाध्याय विधायक हैं। हाथरस जिले की राजनीति में उनका खासा दबदबा और हस्तक्षेप है। इसके साथ ही फतेहपुर सीकरी से उनकी पत्नी सीमा उपाध्याय बसपा की टिकट पर सांसद रही हैं। इस सीट पर भी उनका अपना वोट है। यहां भी उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से भाजपा का समर्थन किया। अलीगढ़ में तो खुलेआम एक कार्यक्रम में सतीश गौतम को वोट देने की बात कही। आगरा से भाजपा प्रत्याशी प्रो. एसपी सिंह बघेल को गले लगाया। इसका फोटो भी अखबार में प्रकाशित हुआ था। एग्जिट पोल के नतीजे बता रहे हैं कि आगरा, फतेहपुर सीकरी और हाथरस में बसपा प्रत्याशी चुनाव हार सकते है। इसलिए अब पार्टी को कोई डर नहीं है। 

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