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World Ozone Day 2019: क्यों मनाया जाता है ओजोन दिवस, मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल को हुए 32 साल

Update: 2019-09-16 06:11 GMT

दिल्ली। वर्ल्ड ओज़ोन डे हर साल 16 सितंबर को मनाया जाता है। इस वीकेंड मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल का 32वीं वर्षगांठ भी मनाई जा रही है। इसे दुनिया का सबसे सफल पर्यायवरण समझौता कहा जाता है। इस संधि को 16 सितंबर 1987 को साइन किया गया था। इस वियना संधि के तहत ओजोन परत के संरक्षण के लिए सभी देशों के द्वारा लिया गया एक समझौते पर साइन किए गए हैं।

दरअसल मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल मनाने का उद्देश्य ओजोन लेयर हानिकारक गैसों जैसे क्लोरोफ्लोरो कार्बन से बचाना है। संक्षेफ में कहें तो यह इसको मनाने का कारण ओजोन परत जो हमारी सूर्य की हानिकारक अल्ट्रा वाइलट किरणों से रक्षा करती है उससे बचाना है और इसके विषय में लोगों को जागरूक करना है।

हर साल ओजोन लेयर के संरक्षण के लिए एक अलग थीम तैयार करके लोगों को इसके महत्व के बारे में जानकारी दी जाती है। इस साल यानी विश्व ओजोन दिवस 2019 की थीम '32 years and Healing' है। इस थीम के जरिए मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल के तहत दुनियाभर के देशों द्वारा ओजोन परत के संरक्षण और जलवायु की रक्षा के लिए तीन दशकों से किए जा रहे प्रयासों को सिलेब्रेट किया जाएगा।

वैज्ञानिकों का मानना हैं कि ओजोन परत के बिना धरती पर जीवन का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा। ओजोन परत के सुरक्षित न होने से लोगों, पेड़ों और पशुओं के जीवन पर बहुत बुरा असर पड़ेगा। ओज़ोन परत कमी से प्राकृतिक संतुलन बिगड़ता है, सर्दियों की तुलना में अधिक गर्मी होती है, सर्दियां अनियमित रूप से आती हैं और ग्लेशियर पिघलने शुरू हो जाते हैं।

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