कोलकाता/स्वदेश वेब डेस्क। विश्व पर्यटन दिवस पर पश्चिम बंगाल राज्य पर्यटन विभाग ने दावा किया है कि विगत सात सालों में पश्चिम बंगाल में आने वाले पर्यटकों की संख्या में तीन गुना बढ़ोत्तरी हुई है।
गुरुवार को विभाग की ओर से एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस बारे में बताया कि 2011 में तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी के मुख्यमंत्री बनने के बाद से पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए तमाम तरह की योजनाएं बनाकर लागू की गई हैं, जिसका लाभ बड़े पैमाने पर हुआ है। उन्होंने बताया कि 2011 की तुलना में विगत सात सालों में राज्य में आने वाले देसी पर्यटकों की संख्या में तीन गुना बढ़ोत्तरी हुई है। उन्होंने कहा कि 2011 में वाममोर्चा का शासन था। उस समय प्रतिवर्ष 2.22 करोड़ देसी पर्यटक पश्चिम बंगाल में घूमने के लिए आए थे, लेकिन 2018 में यह आंकड़ा बढ़कर 7.96 करोड़ पर पहुंच गया है। इसी तरह से 2011 में पश्चिम बंगाल में आने वाले विदेशी पर्यटकों की संख्या 12.13 लाख थी, जो 2018 में बढ़कर 15.74 लाख हो गई है।
उक्त अधिकारी ने बताया कि ममता बनर्जी के मुख्यमंत्री बनने के बाद राज्य के तमाम पर्यटन केंद्रों को विकसित करने और अधिक से अधिक पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए तमाम तरह के प्रचार-प्रसार किए गए हैं। इसके लिए आवंटित की जाने वाली धनराशि को आठ गुनी बढ़ाई गई है। उन्होंने बताया कि 2011 में वाममोर्चा के शासन के दौरान राज्य पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए केवल 40 करोड़ रुपये की धनराशि आवंटित की गई थी जबकि 2018 में पश्चिम बंगाल सरकार ने इसके लिए 336 करोड़ रुपये की धनराशि आवंटित की है। इससे राज्य में मौजूद विभिन्न पर्यटन केंद्रों के सौंदर्यीकरण एवं प्रचार-प्रसार बड़े पैमाने पर किया गया है। इस वजह से यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या में उल्लेखनीय बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है।
उक्त अधिकारी ने बताया कि पश्चिम बंगाल का अपना एक धनी इतिहास है। अंग्रेजों से लेकर मुगलों के नवाबों तक अथवा उसके पहले भी पश्चिम बंगाल अपनी खूबसूरत छटा के लिए दुनियाभर में विख्यात है। इसे देखने के लिए आने वाले पर्यटकों से राज्य के आर्थिक कोष में बढ़ोत्तरी की संभावना को समझकर वर्तमान सरकार ने बड़े पैमाने पर पर्यटन केंद्रों को विकसित करने और प्रचार-प्रसार के लिए अभियान चलाया है। इसके तहत राज्य के विभिन्न हिस्सों में मौजूद पर्यटक आवास केंद्रों को भी विकसित किया गया है।
उक्त अधिकारी ने दावा किया कि सात सालों में पर्यटक आवास केंद्रों में 30 प्रतिशत बढ़ोत्तरी हुई है, जिसकी वजह से 50 हजार अतिरिक्त पर्यटकों के रहने लायक अत्याधुनिक निवास केंद्रों का विकास किया गया है।