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अयोध्या मांगे जर्जर सड़क, उफनाती नाली, कूड़े के ढेर से आजादी

मंदिर निर्माण का कार्य ट्रस्ट के जिम्मे में है सो वह गति पर है लेकिन इसके साथ शहरी इलाकों के साथ पूरे जनपद में जन समस्याओं का बुरा हाल है।

Update: 2021-08-14 11:22 GMT

ओम प्रकाश सिंह/अयोध्या। विधानसभा क्षेत्र अयोध्या के साथ पूरे जनपद में जनसमस्याएं उत्तर प्रदेश सरकार के विकास के दावे की पोल खोल रही हैं। प्रभु श्रीराम के बन रहे मंदिर के साथ टूटी सड़केंं, बिजली, पानी, कूड़े के ढेर जनपद की पहचान बन रहे हैं। केन्द्र एवं प्रदेश सरकार ने भी सिर्फ राममंदिर से जुड़ी योजनाओं पर ध्यान केन्द्रित कर रखा है। अयोध्यावासियों को भी इन जनसमस्याओं से निजात मिलने की सरकार से दरकार है।


इसमें कोई दो राय नहीं है कि राम मंदिर और उससे जुड़ी योजनाओं के लिए केंद्र और प्रदेश सरकार ने खजाने का मुंह खोल रखा है कुछ पर काम प्रारंभ है तो कुछ चुनावी घंटी का इंतजार कर रही हैं। मंदिर निर्माण का कार्य ट्रस्ट के जिम्मे में है सो वह गति पर है लेकिन इसके साथ शहरी इलाकों के साथ पूरे जनपद में जन समस्याओं का बुरा हाल है। यह हाल तब है जब जनपद की लोकसभा सीट और सभी पांचों विधानसभा पर भाजपा के विधायक, सांसद हैं। नगर निगम का महापौर भी भाजपा का है। यूपी सरकार के करिश्मे से हाल ही में भाजपा ने जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुखों की लगभग सभी सीटों पर कब्जा कर रखा है। राम भरोसे सत्ता में आए भाजपा के विधायक गण पूरी तरह से समस्याओं के प्रति उदासीन हैं। सांसद फैजाबाद का तो फोन ही नहीं उठता है।



जो तस्वीरें आप देख रहे हैं वे अयोध्या विधानसभा क्षेत्र की हैं। अयोध्या विधानसभा क्षेत्र में ही प्रभु श्रीराम का मंदिर निर्मित हो रहा है। नगरनिगम का क्षेत्र  भी इसी विधानसभा में पड़ता है। भाजपा के महापौर चाहे जो दावा करें, शहर की नालियां बजबजा रही हैं। कूड़े के ढ़ेर बरसात के महीने में बीमारियों को आमंत्रित कर रहे हैं। सड़के गढ्ढे में तब्दील हो गई हैं। अयोध्या विधानसभा क्षेत्र का आधा हिस्सा शहरी है तो आधा ग्रामीण इलाका है। शहरी इलाके की समस्याएं नगर निगम के मत्थे चस्पा हैं। अयोध्या से भाजपा के विधायक वेद प्रकाश गुप्ता हैं। बसपा, सपा से विधानसभा चुनाव लड़ चुके वेद गुप्ता जब विधायक नहीं बन पाए तो उन्होंने भाजपा का दामन थामा और मोदी लहर में गोल गुम्बद पहुंच गए। 


विधानसभा का चुनाव आ रहा है। समस्याएं विकराल हैं। चुनाव की दृष्टि से यदि सड़कों का रंगरोगन कर दिया जाए, अन्य समस्याओं पर भी झाड़ू चल जाए तो भी चुनावी नैया पार लगना मुश्किल है। इस बात को भाजपा विधायक जानते हैं कि ये पब्लिक सब है, सब जानती है। शायद इसीलिए उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अयोध्या से विधायकी लड़ने के लिए आंमत्रित किया है। अन्य विधानसभाएं बीकापुर, मिल्कीपुर, रुदौली, गोसाईंगंजगंज ग्रामीण बाहुल हैं। वहां भी समस्याओं का पिटारा है। एक सर्वे की रिपोर्ट है कि जनता सरकार से कम जनप्रतिनिधियों से ज्यादा नाराज है। समस्याओं को अपनी नियति मान चुकी जनता मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के राममंदिर कार्यों व माफियाओं पर अंकुश की सराहना करती है। भाजपा के रणनीतिकार जल्द ही न चेते तो मंदिर आंदोलन के यश पर जनसमस्याएं भारी पड़ सकती हैं।

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