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नागेश्वर राव की नियुक्ति में दखल देने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार

अदालत ने कहा कि अब जब सीबीआई के फुलटाइम डायरेक्टर की नियुक्ति कर दी गई है तो इस फैसले में दखल देने का कोई मतलब नहीं है

Update: 2019-02-19 07:00 GMT

नई दिल्ली। नागेश्वर राव को सीबीआई के अंतरिम निदेशक बनाए जाने के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने दखल देने से इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अब जब सीबीआई के फुलटाइम डायरेक्टर की नियुक्ति कर दी गई है तो इस फैसले में दखल देने का कोई मतलब नहीं है। कोर्ट ने कहा कि याचिका में जो मांग की गई थी वो पहले ही पूरी हो गई है। सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई डायरेक्टर की नियुक्ति में पारदर्शिता लाने के लिए दिशा-निर्देश जारी करने से भी इनकार कर दिया।

पिछले 6 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था।

याचिका एनजीओ कॉमन कॉज और अंजलि भारद्वाज ने दायर की थी। एनजीओ कॉमन कॉज ने वकील प्रशांत भूषण के जरिए दाखिल याचिका में बिना चयन समिति की मंजूरी के नियुक्ति को गलत बताया गया था। उन्होंने नागेश्वर राव के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप होने की दलील भी दी थी। याचिका में सीबीआई डायरेक्टर के पद पर नियुक्ति की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए दिशानिर्देश जारी करने की मांग की गई थी। याचिका में कहा गया था कि इस नियुक्ति की पूरी प्रक्रिया को वेबसाइट पर डाला जाए। याचिका में वेबसाइट पर दी गई सूचना में सेलेक्शन कमेटी की मिनट्स को भी अपलोड करने की मांग की गई थी।

आलोक वर्मा को सीबीआई डायरेक्टर पद से हटाने के बाद केंद्र सरकार ने नागेश्वर राव को सीबीआई का अंतरिम निदेशक नियुक्त किया था। केंद्र सरकार के इसी फैसले को चुनौती दी गई थी।

केंद्र सरकार ने पिछले 4 फरवरी को सीबीआई के नवनियुक्त डायरेक्टर आरके शुक्ला की नियुक्ति से संबंधित दस्तावेज सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया था। 

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