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जामिया मिलिया इस्लामिया की घटना जलियांवाला बाग जैसी : उद्धव ठाकरे

Update: 2019-12-17 11:59 GMT

नई दिल्ली। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि जामिया मिलिया इस्लामिया में जो हुआ, वह जलियांवाला बाग जैसा है। छात्र एक 'युवा बम' की तरह हैं। इसलिए हम केंद्र सरकार से अनुरोध करते हैं कि वह छात्रों के साथ ऐसा न करें जैसा वो कर रहे हैं। वहीं राष्ट्रीय राजधानी स्थित जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के पास स्थित न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में नागरिकता (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ रविवार के विरोध प्रदर्शन के दौरान सड़कों पर वाहनों को आग लगाए जाने की घटना में संलिप्तता के लिए कम से कम 10 लोगों को मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया गया है।

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, "गिरफ्तार 10 लोगों में से तीन इलाके के खराब चरित्र वाले शख्स हैं। उनकी पहचान की गई है और उन्हें हिरासत में ले लिया गया है।" पुलिस अधिकारी ने यह भी कहा कि इनमें से कोई भी जामिया का विद्यार्थी नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा करने वालों को पकड़ने के लिए दिल्ली के दक्षिण पूर्व जिलों के विभिन्न हिस्सों में छापे मारे जा रहे हैं।

नागरिकता कानून के खिलाफ विश्वविद्यालय में हो रहे प्रदर्शनों के बीच रविवार को यह एक हिंसा का रूप उस वक्त ले लिया, जब पुलिस ने विश्वविद्यालय परिसर में घुसकर बल प्रयोग किया। रविवार को इस कानून के खिलाफ न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में विरोध प्रदर्शन करने के दौरान पुलिस के साथ हुई झड़प में प्रदर्शनकारियों ने रविवार को चार सार्वजनिक बसों और पुलिस के दो वाहनों को आग के हवाले कर दिया। इस पूरी घटना में विद्याथीर्, पुलिस और अग्निशमन कर्मी सहित करीब 60 लोग घायल हो गए हैं।

महाराष्ट्र विधानसभा में मंगलवार को काफी हंगामा हुआ। विपक्षी भारतीय जनता पाटीर् (भाजपा) व सत्तारूढ़ शिवसेना के सदस्यों के बीच धक्का-मुक्की हुई। इसकी वजह से विधानसभा अध्यक्ष को सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित करनी पड़ी। अपने आक्रामक रुख को जारी रखते हुए भाजपा सदस्यों ने 'सामना' की रिपोर्ट के साथ प्रिंटेड बैनर लेकर विधानसभा भवन तक मार्च किया और बेमौसम बारिश और बाढ़ की मार झेल रहे किसानों को 25,000 रुपये प्रति हेक्टेयर की सहायता की मांग की। विधानसभा के भीतर कुछ सदस्यों ने पोस्टर लहराए और सदन के मध्य पहुंच गए और शिवसेना की पूर्व की मांग के तुरंत क्रियान्वयन की मांग की।

विधानसभा अध्यक्ष नाना पटोले ने सदन की कार्यवाही जारी रखने के लिए उन्हें अपनी सीट पर लौटने का आदेश दिया, लेकिन उन्होंने उनकी बात अनसुनी कर दी। इस पर शिवसेना के कुछ विधायक भाजपा सदस्यों के पास पहुंच गए और उन्होंने उनसे पोस्टर छीनने की कोशिश की, जिससे काफी हंगामा, नारेबाजी और अव्यवस्था पैदा हुई।

इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने सदन को 30 मिनट के लिए स्थगित कर दिया और दोनों पक्षों को परामर्श के लिए बुलाया और सदन के शिष्टाचार को बनाए रखने की जरूरत पर बल दिया। लेकिन भाजपा सदस्यों द्वारा शोरगुल प्रदर्शन जारी रहा, जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने सदन को 15 मिनट के लिए स्थगित किया। फिर भी हंगामा शांत नहीं होने पर पटोले ने आखिरकार सदन को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया।

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