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पहले चरण की पूछताछ राजीव कुमार से पूरी हुई, मिली कोलकाता लौटने की इजाजत

Update: 2019-02-13 12:30 GMT

कोलकाता। अरबों रुपये के चिटफंड घोटाला मामले में साक्ष्यों को मिटाने के आरोपित कोलकाता पुलिस आयुक्त राजीव कुमार से गत शनिवार को शुरू हुई पूछताछ आखिरकार बुधवार को यानी पांचवें दिन पूरी हुई। पहले दौर की पूछताछ के बाद वह दोपहर 12:30 बजे के करीब सीबीआई दफ्तर से बाहर निकले हैं। सीबीआई के हवाले से बताया गया है कि उनसे पहले दौर की पूछताछ पूरी हुई है। आवश्यकता पड़ने पर उन्हें दोबारा तलब किया जाएगा।

दावा किया जा रहा है कि राजीव कुमार ने सीबीआई को चिट्ठी लिखी है। उन्होंने आश्वस्त किया है कि 18 फरवरी के बाद सीबीआई जब भी उन्हें बुलाएगी, वह जरूर पूछताछ में शामिल होने के लिए आएंगे। इसके बाद ही उन्हें कोलकाता लौटने की अनुमति दी गई। गत नौ फरवरी से उनसे लगातार पूछताछ चल रही थी। पहले दिन 10 घंटे, दूसरे दिन 12 घंटे, तीसरे दिन 10 घंटे, चौथे दिन 11 घंटे और पांचवें दिन यानी बुधवार को उनसे करीब ढाई घंटे सवाल-जवाब किए गए। सीबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जब भी पूछताछ के लिए उन्हें दोबारा समन भेजा जाएगा, वे हाजिर होंगे। राजीव कुमार ने लिखित तौर पर इसका आश्वासन दिया है, जिसके बाद उन्हें कोलकाता लौटने की अनुमति दी गई है।

इस बीच सीबीआई ने बताया है कि राजीव कुमार से आवश्यकता पड़ने पर 18 फरवरी के बाद एक बार फिर शिलांग के ही सीबीआई दफ्तर में पूछताछ की जा सकती है। तब तक सीबीआई सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाकर सारदा प्रमुख सुदीप्त सेन और उनकी महिला सहयोगी देवयानी को भी अपनी हिरासत में लेगी। लगातार पांच दिनों से चल रही पूछताछ के बीच राजीव कुमार ने चिट्ठी लिखकर दावा किया था कि सीबीआई अधिकारियों के साथ कोलकाता में हुई बदसलूकी और हाथापाई के मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा न्यायालय की अवमानना की रिपोर्ट उन्हें 18 फरवरी से पहले दाखिल करनी है। इसलिए उन्हें छुट्टी दी जानी चाहिए। इसके बाद ही सीबीआई ने उन्हें कोलकाता लौटने की अनुमति दी है।

उल्लेखनीय है कि गत तीन फरवरी को सीबीआई की एक 20 से 25 सदस्यीय टीम कोलकाता के लाउडन स्ट्रीट स्थित पुलिस आयुक्त राजीव कुमार के घर पूछताछ के लिए पहुंची। लेकिन, टीम को राजीव कुमार के घर में नहीं घुसने दिया गया। कोलकाता पुलिस ने सीबीआई अधिकारियों को हिरासत में ले लिया था। इधर, इस मामले को राजनीतिक रंग देते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आरोप लगाया था कि केंद्र की भाजपा सरकार के इशारे पर सीबीआई कार्रवाई कर रही है। ममता धर्मतल्ला के मेट्रो चैनल पर तीन फरवरी की रात से ही धरने पर बैठ गई और तीन दिनों तक बैठी रही थीं।

दूसरे दिन यानी चार फरवरी सोमवार को जांच एजेंसी की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाकर तत्काल सुनवाई की मांग की गई। उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को इस पर सुनवाई की। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने निर्देश दिया कि सीबीआई के बुलावे पर राजीव कुमार को शिलांग स्थित दफ्तर में पूछताछ के लिए हाजिर होना पड़ेगा। इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया था कि कुमार को पूछताछ में विश्वसनीय तरीके से सहयोग भी करना होगा। उनके साथ किसी भी तरह की सख्ती नहीं बरतने अथवा गिरफ्तार नहीं करने का निर्देश भी न्यायालय ने सीबीआई को दिया है। इसके अनुसार सीबीआई ने उन्हें शिलांग दफ्तर में गत नौ फरवरी को पूछताछ के लिए बुलाया था। उस दिन से लेकर बुधवार तक लगातार उनसे पूछताछ हुई है।

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