भारत का पहला प्राइवेट ऑर्बिटल रॉकेट तैयार, पीएम मोदी ने उद्घाटन किया

भारत का पहला प्राइवेट ऑर्बिटल रॉकेट तैयार, 300 किलो तक के सैटेलाइट अंतरिक्ष में ले जाएगा, अगले साल लॉन्चिंग होगी।

Update: 2025-11-27 10:37 GMT

गुरुवार को पीएम नरेंद्र मोदी ने देश के पहले निजी तौर पर निर्मित ऑर्बिटल रॉकेट Vikram-I दुनिया के सामने पेश किया। यह रॉकेट भारत की स्पेस इंडस्ट्री के लिए एक बड़ा मोड़ है। वह भी उस समय जब प्राइवेट सेक्टर स्पेस में वास्तविक प्रवेश कर रहा है। 


Vikram-I की मुख्य विशेषताएं

Vikram-I को छोटे उपग्रह को कक्षा में ले जाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह रॉकेट लो अर्थ ऑर्बिट (LEO) तक करीब 300–350 किलो के पेलोड को ले जाने में सक्षम है। इसकी बॉडी हल्के लेकिन मजबूत कार्बन-कॉम्पोजिट से बनी है, जो इसे अन्य लॉन्च वाहनों की तुलना में हल्का और अधिक कुशल बनाती है। डिज़ाइन ऐसा है कि किसी भी लॉन्च साइट से अगर ज़रूरत पड़ी 24 घंटे के अंदर असेंबल और लॉन्च हो सके। यानी ऑन डिमांड लॉंच की सुविधा, जो स्पेस लॉजिस्टिक्स में गेमचेंजर साबित हो सकती है।



क्या कर सकता है Vikram-I

Vikram-I न सिर्फ एक, बल्कि एक साथ कई छोटे उपग्रहों को अलग-अलग ओरबिट में स्थापित करने की क्षमता रखता है। इस क्षमता के कारण यह अंतरिक्ष में डेटा सेवाओं, कम्युनिकेशन, रिमोट सेंसिंग जैसे नए प्रोजेक्ट्स के लिए उपयुक्त होगा।

क्यों है यह प्राइवेट स्पेस का बड़ा मील का पत्थर?

स्काईरूट का नया इनफिनिटी केम्पस, हैदराबाद में, 2,00,000 स्क्वायर फीट में फैला हुआ है। यह एक ऐसा आधुनिक फेसिलिटी है जहां लॉन्च व्हीकल्स के डिजाइन, डेवलपमेंट, इंटीग्रेशन और टेस्टिंग के साथ-साथ हर महीने कम-से-कम एक ऑर्बिटल रॉकेट बनने की क्षमता है।

Vikram-I की पहली लॉन्चिंग 2026 में

Skyroot ने कहा है कि अगर सबकुछ योजना के अनुसार हुआ, तो आने वाले सालों में भारत से छोटे और मध्यम सैटेलाइट की लॉन्चिंग का सिलसिला तेज़ी से बढ़ेगा, जिससे इंडिया स्पेस-मार्केट में अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा के काबिल बनेगा। यह कदम न सिर्फ तकनीकी सफलता है, बल्कि भारत की आर्थिक, रणनीतिक और इनोवेशन-क्षमता के लिए एक बड़ा संकेत है।

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