SwadeshSwadesh

आसनसोल में चुनावी हिंसा, केंद्रीय बल की तैनाती की मांग पर पुलिस ने भांजी लाठियां

Update: 2019-04-29 04:37 GMT

कोलकाता। पश्चिम बंगाल में सोमवार को आठ बजे संसदीय सीटों पर चल रहे मतदान के बीच मतदान केंद्रों पर राज्य पुलिस के बजाय केंद्रीय बलों की तैनाती की मांग कर रहे आम मतदाताओं पर पुलिस ने जमकर लाठियां भांजी हैं। घटना आसनसोल संसदीय क्षेत्र के दुर्गापुर स्थित जेमुआ स्कूल की है। यहां सुबह करीब नौ बजे तक मतदान की शुरुआत नहीं हो सकी थी।

दरअसल सोमवार की सुबह सात बजे लोग मतदान करने पहुंचे तो पता चला कि यहां केंद्रीय बलों की तैनाती नहीं है, बल्कि केवल राज्य पुलिस के जवान सुरक्षा की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। इसके बाद सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण एकत्रित हो गए और केंद्रीय बलों की तैनाती की मांग करने लगे। हंगामा बढ़ते देख पुलिस की टीम मौके पर पहुंची, लेकिन लोग सुन नहीं रहे थे। लोगों ने साफ कह दिया कि उन्हें राज्य पुलिस पर जरा भी भरोसा नहीं है। इसके बाद स्थानीय तृणमूल के सैकड़ों कार्यकर्ता और कुछ नेता भी मतदान केंद्र पर पहुंच गए और केंद्रीय बलों की तैनाती करने की मांग करने वालों से भिड़ गए।

करीब डेढ़ घंटे तक यही स्थिति बनी रही। तृणमूल कार्यकर्ता मारपीट और हंगामा करते रहे, लेकिन लोग मतदान को तैयार नहीं हुए। दुर्गापुर पुलिस कमिश्नरेट के निर्देश पर राज्य पुलिस के रैपिड एक्शन फोर्स को मौके पर तैनात किया गया और अधिकारियों ने लोगों से बात कर समस्या का समाधान करने की बजाय मतदान नहीं करने पर अड़े लोगों को मारना-पीटना शुरू कर दिया। आम मतदाताओं पर पुलिस ने जमकर लाठियां भांजी। कई मतदाताओं को लात-घूंसों से भी पुलिसकर्मी पीटते नजर आए। लोग पुलिस की मारपीट से जमीन पर गिरने लगे। आखिरकार मतदान करने आए लोग भाग खड़े हुए हैं। उन्होंने साफ कहा है कि तृणमूल वाले और पुलिसकर्मी मिलकर पीट रहे हैं। उन्हें वोट नहीं देना है।

बाबुल सुप्रियो से तृणमूल समर्थक भिड़े

आम चुनाव के चौथे चरण के लिए सोमवार को हो रहे मतदान के दौरान यहां हिंसक भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। इस कार्रवाई में कुछ मतदाताओं को चोट आई है। उधर, आसनसोल से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार और केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो की तृणमूल कार्यकर्ताओं से झड़प होने की सूचना है। बाबुल ने कहा, पश्चिम बंगाल का मतदाता जागरूक है। वे केंद्रीय बल की मौजूदगी चाहते हैं ताकि वे अपना वोट डाल सकें। यही कारण है कि ममता बनर्जी डरी हुई हैं।

Similar News