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डीआरएम का दावा, न रेलवे दोषी न चालक

हॉर्न बजाया पर लोगों को नहीं सुना, कार्यक्रम की नहीं थी सूचना

Update: 2018-10-20 11:30 GMT

अमृतसर/स्वदेश वेब डेस्क। अमृतसर में हुए भीषण रेल हादसे के बाद लीपापोती में जुटे रेलवे के एक के बाद एक आला अधिकारियों ने अपने विभाग के कर्मचारियों को क्लीनचिट देकर पूरे मामले से पल्ला झाड़ लिया है।

उत्तर रेलवे में फिरोजपुर मंडल के डीआरएम विवेक कुमार ने आज घटनास्थल का दौरा करने के बाद पत्रकारों से बातचीत में साफ किया कि डीएमयू की स्पीड 90 किलोमीटर प्रति घंटा रहती है। हादसे के समय डीएमयू की स्पीड 68 किलोमीटर प्रति घंटा थी।

डीआरएम ने आज रेलवे के स्थानीय अधिकारियों से बातचीत के बाद बताया कि एक ट्रेन को रूकने के लिए 600 से 700 मीटर के फासले की जरूरत होती है। घटना के समय चालक के पास यह फासला नहीं था। डीआरएम ने दावा किया कि रेलवे चालक ने ट्रेन का हॉर्न भी बजाया लेकिन पटाखों के शोर में लोगों को इसकी आवाज नहीं सुनाई दी और यह हादसा हो गया।

उन्होंने रेलवे के अमृतसर व मानावाला के कर्मचारियों अधिकारियों तथा डीएमयू के ट्रेन चालक को क्लीनचिट देते हुए कहा कि इसमें कोई कोताही या साजिश नहीं थी। यह महज एक कुदरती हादसा है।

उन्होंने कहा कि लोग रेलवे ट्रैक पर मौजूद थे। अंधेरा होने के कारण हर तरफ भीड़ थी। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि रेलवे लाइन के निकट इतने बड़े आयोजन के लिए न तो कोई इजाजत ली गई और न ही कोई सूचना दी गई। इसके बावजूद रेलवे ने अपने दायित्व का निर्वहन करते हुए राहत एवं बचाव कार्यों में पूरा सहयोग किया। 

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