सासाराम एक्सप्रेस की यादगार हाफ़ सेंचुरी: लोकल क्रिकेट से शुरू हुआ बैटर बनने का सफर, अब हर फॉर्मेट में बना भरोसेमंद नाम
Akash Deep Half Century
India's 𝐍𝐈𝐆𝐇𝐓𝐖𝐀𝐓𝐂𝐇𝐌𝐀𝐍 turned England's 𝐍𝐈𝐆𝐇𝐓𝐌𝐀𝐑𝐄: द ओवल की ऐतिहासिक पिच पर आकाश दीप ने अपने टेस्ट करियर की पहली हाफ़ सेंचुरी लगाकर सबका दिल जीत लिया। 70 गेंदों की इस जुझारू पारी के बाद उन्होंने मुट्ठी भींची, बल्ला उठाया और ड्रेसिंग रूम की ओर इशारा करते हुए जश्न मनाया। पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने कमेंट्री बॉक्स से तारीफ करते हुए कहा, “बहुत अच्छा, शाबाश यंगमैन!” ...
बल्लेबाज़ी से शुरू हुआ था सफर
एक इंटरव्यू में आकाश दीप ने खुलासा किया था कि उनका क्रिकेट सफर एक बल्लेबाज़ के तौर पर शुरू हुआ था। उन्होंने बताया, "बिहार में 3-4 दिन का रेड बॉल क्रिकेट होता था, जिसमें मैंने हिस्सा लिया और उस वक्त मैं बैटिंग करता था।" उनके पुराने कोच और जानने वाले बताते हैं कि लोकल लेवल पर आकाश एक शानदार बैटर माने जाते थे और बड़े-बड़े छक्के लगाने के लिए मशहूर थे। गेंदबाज़ी में उनका कमाल बाद में उभरा, लेकिन बल्लेबाज़ी की जड़ें आज भी उनके खेल में दिखाई देती हैं।
बल्ले से भी चमके आकाश दीप
आकाश दीप ने द ओवल पर न सिर्फ जिम्मेदारी निभाई, बल्कि उससे कहीं बढ़कर प्रदर्शन करते हुए अपने टेस्ट करियर की यादगार हाफ़ सेंचुरी जड़ी। यह उनका 10वां टेस्ट था और इसी में उन्होंने अपना अब तक का सर्वश्रेष्ठ स्कोर बना डाला। 70 गेंदों में 9 चौकों की मदद से खेली गई इस पारी में सासाराम एक्सप्रेस ने टीम को अहम मोड़ पर मजबूती दी। इससे पहले उनका बेस्ट स्कोर 31 रन था, जिसे उन्होंने पीछे छोड़ते हुए यह दिखा दिया कि वो सिर्फ गेंद से नहीं, बल्ले से भी मैच का रुख बदल सकते हैं।
कई सालो बाद दिखा ऐसा नाइटवॉचमैन
ओवल टेस्ट का तीसरा दिन भारत के लिए निर्णायक साबित हो सकता था। ऐसे में जब टीम 75/2 के स्कोर से आगे खेलने उतरी, तो ड्रेसिंग रूम से आकाश दीप के लिए साफ संदेश था...विकेट बचाकर यशस्वी का साथ निभाना है। नाइटवॉचमैन की भूमिका में उतरे आकाश दीप ने वही किया जो टीम को सबसे ज़्यादा चाहिए था। दूसरे दिन वह 4 रन बनाकर नाबाद लौटे और तीसरे दिन उसी धैर्य और समझदारी के साथ बल्लेबाज़ी करते रहे।
इससे पहले बर्मिंघम और लॉर्ड्स में उन्होंने 6, 7 और 1 रन की छोटी पारियां खेली थीं, लेकिन इस बार उनका अंदाज़ बिल्कुल अलग था। जॉश टंग और गस एटकिनसन जैसे गेंदबाज़ों की रणनीतियों को उन्होंने नाकाम कर दिया। दरअसल, अमित मिश्रा के बाद यह पहला मौका था जब किसी नाइटवॉचमैन ने टीम इंडिया के लिए टेस्ट मैच में अर्द्धशतक जड़ा।
यशस्वी के साथ शतकीय साझेदारी
ओवल टेस्ट के तीसरे दिन आकाश दीप ने ना सिर्फ क्रीज़ पर टिककर खेला, बल्कि यशस्वी जायसवाल के साथ मिलकर टीम इंडिया की वापसी की मजबूत बुनियाद भी रखी। दोनों के बीच तीसरे विकेट के लिए हुई 107 रनों की साझेदारी ने भारत को जीत की दहलीज़ के करीब ला खड़ा किया। आकाश ने 94 गेंदों में 12 शानदार चौकों की मदद से 66 रन बनाए। अपनी बल्लेबाज़ी से सभी को चौंका दिया।
भरोसे का नया चेहरा बने आकाश दीप
आकाश दीप की इस यादगार पारी ने फैंस का दिल भी जीत लिया। उन्हें जो भूमिका सौंपी गई, उसे उन्होंने पूरी संजीदगी और समझदारी से निभाया। अब जब बल्लेबाज़ी में उनका यह जुझारूपन सामने आया है, तो गेंदबाज़ी में उनसे और भी बड़ी उम्मीदें लगाई जा रही हैं। पिछले दो टेस्ट में उन्होंने कुल 11 विकेट झटके हैं। बर्मिंघम में 4/88 और 6/99 के आंकड़े उनके शानदार प्रदर्शन की गवाही देते हैं।