ग्वालियर। 17 अक्टूबर को करवाचौथ पर्व पर ग्वालियर में महिलाओं को चंद्रमा के लिए इंतजार करना पड़ेगा। मैदानी इलाकों में इस बार चंद्रमा 8 बजकर 15 मिनट पर निकलेगा। जबकि ग्वालियर में चंद्रमा के दर्शन 8 बजकर 26 मिनट पर होंगे। इस बार सत्यभामा और रोहिणी योग भी बन रहे हैं, जो कि करवाचौथे को और अधिक फलदायक बनाएंगे।
ज्योतिषाचार्य सतीश सोनी के अनुसार प्रेम और समर्पण का पर्व करवाचौथ को पत्नियां अपने पति की लम्बी आयु और सौभाग्य के लिए निर्जला व्रत रखेंगी। हालांकि कई महिलाएं शारीरिक परेशानियों के कारण निर्जल व्रत नहीं रख पाती है तो वह केवल व्रत भी रख सकती हैं। इस दिन महिलाएं भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा अर्चना कर चंद्रमा के छलनी से दर्शन करेंगी और इसी छलनी से अपनी पति के दर्शन करने के बाद पति के हाथों से जलग्रहण कर व्रत खोलेंगी। वहीं कई मामलों में पति भी अपनी पत्नी की लम्बी आयु के लिए व्रत रखते हैं। इस बार करवाचौथ की तैयारियां महिलाओं ने अभी से प्रारंभ कर दी हैं। महिलाओं ने करवाचौथ पर विशेष साजसज्जा के लिए अभी से कपड़े, गहने और श्रृंगार का सामान खरीदना प्रारंभ कर दिया है।
इस बार चतुर्थी तिथि का प्रारंभ 17 अक्टूबर को सुबह 6 बजकर 48 मिनट पर होगा जो कि 18 अक्टूबर सुबह 7 बजकर 29 मिनट तक रहेगा। करवाचौथ के पूजन के लिए शुभ समय शाम को 5 बजकर 56 मिनट से प्रांरभ होकर 6 बजकर 58 मिनिट तक रहेगा। ग्वालियर में इस बार चंद्रमा रात्रि 8 बजकर 26 मिनट पर निकलेगा। महिलाएं शुभ समय में पूजन करने के बाद चंद्रमा का दर्शन कर अपना व्रत खोलेंगी।
करवाचौथ पर इस बार चंद्रमा रोहिणी नक्षत्र में रहेगा। साथ ही रोहिणी योग होने के कारण इस बार सत्यभामा योग भी बन रहा है। जो कि करवाचौथ के दिन व्रत रखने वालों को विशेष फलदायक है।
गृहस्थ जीवन सुखमय रहे इसलिए की जाती है पूजा
करवाचौथ का पर्व पति व पत्नि के रिश्ते की पवित्रता और प्रेम का पर्व है। चंद्रमा को आयु और सुख शांति का कारक माना जाता है। इसकी पूजा से वैवाहिक जीवन सुखमय रहता है। वहीं इसे गृहस्थ रूप में देखे तो जब पत्नी अपने पति की लम्बी आयु और सौभाग्य व समृद्घि के लिए व्रत रखती हैं तो पति के मन में भी अपनी पत्नी के लिए स्नेह और सम्मान का भाव जाग्रत होता है। सुखी और गृहस्थ जीवन के लिए पति व पत्नी के रिश्तों में प्रेम, सौहार्द, सामान्जस्य, सम्मान का होना अत्याधिक जरूरी है। करवाचौथ का व्रत इन सभी भावों को जाग्रत कर पति व पत्नी के रिश्तों को मधुर बनाने का कार्य करता है।