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धनतेरस पर महासंयोग, इस मुहूर्त में करें पूजा

Update: 2019-10-24 15:23 GMT

नई दिल्ली। कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी जिसे हम धनतेरस या धनत्रयोदशी के नाम से जाना जाता है, हिन्दू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ये भगवान विष्णुके अवतार समझे जाते हैं। इनका पृथ्वी लोक में अवतरण समुद्र मंथन के समय हुआ था। शरद पूर्णिमा को चंद्रमा, कार्तिक द्वादशी को कामधेनु गाय, त्रयोदशी को धन्वंतरी, चतुर्दशी को काली माता और अमावस्या को भगवती लक्ष्मीजी का सागर से प्रादुर्भाव हुआ था। इसीलिये दीपावली के दो दिन पूर्व धनतेरस को भगवान धन्वंतरी का जन्म धनतेरस के रूप में मनाया जाता है।

हम आपको बता दें कि धनवंतरि चिकित्सा और सेहत के देवता हैं, तो इस दिन अगर आप चिकित्सा के पेशे से जुड़े हैं, तो किसी चिकित्सकीय यंत्र की खरीदारी कर सकते हैं।

धनतेरस यानी दीरोत्सव की शुरूआत। ऐसी मान्यता है कि आज के दिन सोने या चांदी का सामान और बर्तन खरीदने से घर में बरकत आती है और मां लक्ष्मी का स्थायी निवास रहता है। धनतेरस पर खरीदी गई वस्तु व्यक्ति के पास स्थाई रहती है। उसका क्षय नहीं होता है। कहते हैं दिवाली और धनतेरस के दिन स्थिर लग्न में मां लक्ष्मी की पूजा की जानी चाहिए। इसे मां लक्ष्मी का घर में स्थायी वास होता है। राशियों के अनुसार खरीदारी करने पर वर्ष भर धन, सुख-समृद्धि बनी रहती है। इस दिन भगवान धनवंतरी समुद्र मंथन से प्रकट से प्रकट हुए थे इसलिए इस दिन धनवंतरी जयंती भी मनाई जाती है। धनतेरस के दिन आयु, अच्छे स्वास्थ्य और धन के लिए भगवान धन्वन्तरि और मां लक्ष्मी का पूजन किया जाता है।

ज्योतिषाचार्य पंडित सतीश सोनी के अनुसार, बताया गया है कि जिन परिवारों में धनतेरस के दिन यमराज के निमित्त दीपदान किया जाता है, वहां अकाल मृत्यु नहीं होती। इस बार धनतेरस पर बन रहे लग्नादि, चंद्र मंगल, सदा संचार और अष्टलक्ष्मी फलदायी शुभ संयोग से इस त्योहार का महत्व और भी बढ़ गया है। इसलिए धनतेरस और दीपावली पर स्थिर लग्न में मां लक्ष्मी, गणेश, मां सरस्वती और कुबेर की पूजा की जाती है। यहां हम आपको बता रहे हैं पूजा का स्थिर लग्न और शुभ बेला:

चौघड़िया मुहूर्त

रात 8.52 से रात 10.30 बजे तक

त्रयोदशी तारीख

25 अक्तूबर की शाम 4.42 से 26 अक्तूबर की दोपहर 2.29 बजे तक

लक्ष्मी पूजन कुंभ लग्न

दिन में 01:56 बजे से 03: 27 बजे तक

लक्ष्मी पूजन वृष लग्न

सायं 06:35 बजे से 08:30 बजे तक

लक्ष्मी पूजन सिंह लग्न

रात्रि 01 : 01 बजे से 03:15 बजे तक

ज्योतिषाचार्य पंडित सतीश सोनी के अनुसार खरीदारी का शुभ मुहूर्त

लाभ बेला : शाम 4:31 बजे से शाम 5:13 बजे तक

अमृत बेला : शाम 7:14 से 8:49 बजे तक

शुभ बेला : रात 10:25 से रात 12 बजे तक

धन्वंतरी पूजन : दोपहर 2 बजे से 3 बजे तक

लक्ष्मी-गणेश : शाम 5 बजे से 6 बजे तक 

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