नई दिल्ली। हिंदू धर्म में हर साल दिवाली के अगले दिन गोवर्धन पूजा करने का विधान बताया गया है। यह पांच दिवसीय त्योहार में से एक गोवर्धन पूजा भी है।गोवर्धन पूजा प्रति वर्ष कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को की जाती है। इस साल यह पूजा 28 अक्टूबर यानी आज की जाएगी। कार्तिक मास में शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा यानी दिवाली के दूसरे दिन करते है। गोवर्धन पूजा वैसे तो पूरे भारत में ही श्रद्धा के साथ मनाते है। लेकिन उत्तर भारत में विशेषतया मथुरा, वृंदावन, नंदगांव, गोकुल बरसाना आदि जगहों पर इस पर्व की महत्ता अधिक है। मान्यतानुसार, यहां स्वयं भगवान श्री कृष्ण ने गोकुल के लोगों को गोवर्धन पूजा की प्रेरणा दी थी और देवराज इंद्र के अहंकार समाप्त किया था।
हम आपको बता दें कि गोवर्धन पूजा सायंकाल मुहूर्त : 03:25:46 से 17:39:44 तक की जायेगी।
किस प्रकार करें गोवर्धन पूजा?
- प्रातः काल शरीर पर तेल मलकर स्नान करें
- घर के मुख्य द्वार पर गाय के गोबर से गोवर्धन की आकृति बनाएं
- गोबर का गोवर्धन पर्वत बनाएं, पास में ग्वाल बाल, पेड़ पौधों की आकृति बनाएं
- मध्य में भगवान कृष्ण की मूर्ति रख दें
- इसके बाद भगवन कृष्ण, ग्वाल-बाल और गोवर्धन पर्वत का षोडशोपचार पूजन करें
- पकवान और पंचामृत का भोग लगाएं
- गोवर्धन पूजा की कथा सुनें, प्रसाद वितरण करें और सबके साथ भोजन करें