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हथियारों के नियंत्रण से जुड़ा विधेयक आयुध (संशोधन) विधेयक लोकसभा से पारित

Update: 2019-12-09 15:55 GMT

नई दिल्ली। लोकसभा ने सोमवार को देश में हथियारों को रखने और उनके अवैध कारोबार को नियंत्रित करने से जुड़ा विधेयक ध्वनिमत से पारित कर दिया।

केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने आयुध (संशोधन), विधेयक 2019 पर लोकसभा में चर्चा पर जवाब देते हुए कहा कि विधेयक से जुड़े काफी प्रावधान पुराने थे। इसमें समयानुकूल बदलाव किए गए हैं ताकि हथियारों के अवैध कारोबार पर नियंत्रण किया जाए। इसमें सजा के प्रावधानों को बढ़ाया गया है।

चर्चा के दौरान शाह ने कहा कि विधेयक में एक हथियार रखने के प्रावधान को बदलकर इसकी संख्या दो कर दी गई है। कई सदस्यों के अनुरोध पर ऐसा किया गया है। उन्होंने कहा कि 'हर्ष फायरिंग' (शादियों और खुशी के अवसर पर हवा में गोली चलाना) अकसर देखने को मिलती है। इस कानून के बाद ऐसा करने वालों को जेल जाना होगा।

उन्होंने बताया कि वह स्पष्ट करना चाहते हैं कि खिलाड़ियों के लाइसेंस के तहत हथियार रखने की सीमा को बढ़ाया गया है, कम नहीं किया गया है। इसके अलावा पूर्व सैनिकों को आदर्श नागरिक मानते हुए उनके अधिकार कम नहीं किए गए हैं।

उन्होंने बताया कि अवैध हथियारों के कारोबार करने वालों के लिए सजा के प्रावधान कठोर किये गये हैं। अब ऐसा करने वालों को 7 वर्ष से आजीवन कारावास तक की सजा का प्रावधान होगा। अवैध हथियार रखने वालों को 7 से 14 वर्ष की सजा का प्रावधान किया गया है। डकैती और चोरी से किए हथियारों को रखने वालों के लिए आजीवन कारावास का प्रावधान किया गया है। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में ऐसी घटनाएं अधिक देखने को मिलती हैं।

शाह ने कहा कि बहुत से सांसदों ने आपत्ती जताई कि हथियारों से जुड़े नियम हमेशा से संघ की सूची में रहे हैं कुछ राज्य अपने यहां लाइसेंस देते हैं।

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