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एनआरसी के फाइनल ड्राफ्ट तैयार करने की समय सीमा सुप्रीम कोर्ट ने 31 अगस्त तक बढ़ाई

Update: 2019-07-23 14:52 GMT

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर यानी एनआरसी के फाइनल ड्राफ्ट तैयार करने की समय सीमा 31 अगस्त तक बढ़ा दी है। पहले ये समय सीमा 31 जुलाई तक थी। हालांकि कोर्ट ने एनआरसी ड्राफ्ट में जगह पाए लोगों की भी दोबारा समीक्षा करने की केंद्र और राज्य सरकार की मांग ठुकरा दी है।

19 जुलाई को केंद्र सरकार ने कहा था कि अवैध घुसपैठियों को हर हाल में अपने देश वापस जाना ही होगा। केंद्र सरकार ने कहा था कि हम भारत को विश्व की रिफ्यूजी कैपिटल नहीं बना सकते हैं। केंद्र और राज्य सरकार ने एनआरसी का कार्यकाल बढ़ाने का अनुरोध किया था। उन्होंने कहा था कि कोर्ट 31 जुलाई की डेडलाइन में बदलाव करे। एनआरसी की डेडलाइन की भविष्य में कोई तारीख दे।

केंद्र सरकार ने कहा था कि से लोगों की पहचान संबंधी दस्तावेजों की अभी वेरिफिकेशन करनी बाकी है। केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि कोआर्डिनेटर ने इस मामले में अच्छा काम किया है। हम लाखों लोगों के मामले में काम कर रहे हैं। बांग्लादेश के बॉर्डर के पास लाखों लोग गलत तरीके से एनआरसी में आ गए है। जिन लोगों का नाम जोड़ा गया है, वो अवैध घुसपैठिए हैं। पूर्व में सुप्रीम कोर्ट ने 31 जुलाई तक वेरिफिकेशन के काम निपटाने के लिए कहा था।

30 मई को कोर्ट ने कहा था कि 31 जुलाई को एनआरसी के प्रकाशन की समय सीमा में कोई बदलाव नहीं होगा लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि जिन लोगों ने एनआरसी में अपना नाम दर्ज कराने के लिए दावा किया है, उन्हें बिना पूरा मौका दिए ही सुनवाई कर ली जाए।

सुनवाई के दौरान प्रतीक हजेला की तरफ से कहा गया था कि आपत्तियाें पर सुनवाई 6 मई से शुरू हुई है। बहुत से मामलों में आपत्ति दर्ज कराने वाले उपस्थित नहीं हो रहे हैं। तब चीफ जस्टिस ने कहा था कि अगर वे नहीं उपस्थित हो रहे हैं तो कानून अपना काम करेगा। आप अपने विवेकाधिकार का इस्तेमाल कीजिए और उपस्थित नहीं होने वालों के मामलों पर कानून के मुताबिक काम कीजिए।

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