आत्मरक्षा के लिए जरूरी है ऐसी कार्रवाई : विंग कमांडर (रि.) सेठी
- पुलवामा हमले से आहत और 1965 और 1971 के युद्ध में हिस्सा लेने वाले वायुसेना के पूर्व अधिकारी सेठी ने की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हौसले की तारीफ
नई दिल्ली। पुलवामा हमले के 12 दिन बाद मंगलवार तड़के आत्मरक्षा के लिए उठाए गए भारत के अब तक के सबसे बड़े सैन्य कदम से विंग कमांडर (रिटायर्ड) एचएम सेठी खुश हैं। 1965 और 1971 के युद्ध में हिस्सा ले चुके वायुसेना के पूर्व अधिकारी विंग कमांडर (रि) सेठी का कहना है कि पुलवामा में फिदायीन हमले के बाद पाकिस्तान भारत की सरजमीं पर दूसरे बड़े फिदायीन हमले की तैयारी कर रहा था। भारतीय वायुसेना के जाबांजों ने लड़ाकू विमान मिराज की मदद से पाकिस्तान के मंसूबों पर पानी फेर दिया। पाकिस्तानी ठिकानों पर आत्मरक्षा के लिए की गई इस कार्रवाई में कम से कम एक हजार दहशतगर्द ढेर हुए हैं। भारत के इस कदम से हर देशवासी खुश है। 'हिन्दुस्थान समाचार' से हुई बातचीत में विंग कमांडर (रि) सेठी ने कहा, "यह कितना अच्छा होता, काश! मैं भी इस स्ट्राइक में शामिल होता।"
प्रधानमंत्री हो तो ऐसा
विंग कमांडर (रि) एचएम सेठी का कहना है कि पाकिस्तान पर पहले की गई सर्जिकल स्ट्राइक और अब एयर स्ट्राइक ने यह दिखा दिया है कि भारत को कमतर आंकने की कोशिश न की जाए। उन्होंने कहा कि अगर यह कार्रवाई नहीं होती तो यकीनन पाकिस्तान भारत की धरती को दोबारा लहूलुहान करने की कोशिश करने से बाज नहीं आता। पुलवामा हमले के बाद हिन्दुस्तान में पाकिस्तान को सबक सिखाने की आवाज उठ रही थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चुनावी बेला में बिना किसी राजनीतिक नफा-नुकसान की परवाह किए बिना यह कदम उठाकर सिद्ध कर दिया है कि 'मोदी है तो मुमकिन है'। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री हो तो ऐसा हो। वो देश की सही मायने में सेवा कर रहे हैं।
बस, बहुत हो चुका
उन्होंने कहा, पुलवामा में शहीद जवानों ने प्रधानमंत्री का ही नहीं, सारे देश के धैर्य का बांध तोड़ दिया। पाकिस्तान पर की गई सर्जिकल स्ट्राइक के वक्त प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी खुद आपरेशन रूम से जुड़े रहे। इस बार की एयर स्ट्राइक के प्रमुख रणनीतिकारों में यकीनन वो भी होंगे। उनका हौसला गजब का है। वायुसेना की इस कार्रवाई को वक्त रहते करके पाकिस्तान के छक्के छुड़ा दिए गए। विंग कमांडर (रि) सेठी को इसका रंज है कि जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने देश की भावना के खिलाफ गैरजिम्मेदाराना टिप्पणी की। वो कहते हैं कि महबूबा ने कहा था, "अगर भारत ने ऐसा कोई कदम उठाया तो कश्मीर में जंग-ए-आजादी शुरू हो जाएगी।" उन्होंने कहा कि ऐसी राजनीति बंद होनी चाहिए।
एयर स्ट्राइक के दो पहलू
विंग कमांडर (रि.) एचएम सेठी का कहना है कि मंगलवार तड़के पाकिस्तान में हुई भारत की एयर स्ट्राइक के दो पहलू हैं। पहला यह कि इसे कतई हमला नहीं माना जाना चाहिए। न ही हमला कहा जाना चाहिए। दूसरा यह कार्रवाई सिर्फ और सिर्फ आत्मरक्षा के लिए उठाया गया कदम है, क्योंकि अगर कोई व्यक्ति आप पर वार करने के लिए छुरा लेकर बैठा हो तो स्वाभाविक है कि उसे रोकने की आप कोशिश करेंगे। यह एयर स्ट्राइक 'आत्मरक्षा का अधिकार' है। इस एयर स्ट्राइक को इसी नजरिये से देखने की जरूरत है। सेठी कहते हैं कि जाने-अनजाने में लोग इसे युद्ध की संज्ञा दे रहे हैं। यह युद्ध कतई नहीं है।
पाकिस्तान की हुकूमत को समझना होगा
उन्होंने कहा, "पाकिस्तान की हुकूमत आतंकवादियों की मदद करनी बंद करे। आतंक के आकाओं को शरण देना बंद करे। पाकिस्तान में छिपे भारत के दुश्मनों को वहां से खदेड़कर हमारे हवाले करे। इसी में उसकी भलाई है। पुलवामा हमले को लेकर सारी दुनिया पाकिस्तान की निंदा कर रही है। पाकिस्तान की कूटनीतिक चालों की कलई भी खुल चुकी है। चीन को छोड़कर भारत समेत बाकी सभी प्रमुख ताकतें आतंकवाद के मुद्दे पर एक मंच पर लामबंद हैं। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान अगर समझते हैं कि चीन उनकी अब भी मदद करेगा तो यह उनकी गलतफहमी है।"
मिराज पर नाज
विंग कमांडर (रिटायर्ड) एचएम सेठी को लड़ाकू विमान मिराज पर बेहद नाज है। वह फ्रांस से मिराज खरीदने के लिए 1983 में गठित 'बोर्ड ऑफ आफिसर्स' का हिस्सा रहे हैं। सेठी याद करते हुए कहते हैं, जून 1985 में फ्रांस से दो मिराज की पहली खेप भारत आई थी। हमें मिराज पर पूरा भरोसा रहा है। ...और मिराज ने यह साबित कर दिया कि वह जांबाजों का सच्चा दोस्त है। सेठी ने कहा कि एयर स्ट्राइक के दौरान मिराज को कवर करने के लिए सुखोई भी थे। पाकिस्तान ने भारत के इस कदम को अमेरिकी लड़ाकू विमान एफ-16 से रोकने की कोशिश की लेकिन पाकिस्तान के सैनिक मिराज से हुई तबाही और उन्हें कवर करने के लिए आसमान को चीर रहे सुखोई को देखकर उल्टे पांव लौटकर अपने बंकरों में घुस गए।
जज्बे को सलाम
उन्होंने कहा कि दुनिया में भारतीय सेना की कोई सानी नहीं। भारत के जांबाज तो 24 घंटे जान हथेली पर लेकर चलते हैं। वह तो यह मानकर चलते हैं कि दुश्मन को मारना है और मरना है। भारतीय सैनिकों में जोर है। दम है। यह फिर एक बार भारतीय वायुसेना के वीरों ने दुनिया को दिखा दिया है। पाकिस्तान भी सुन ले- हिन्दुस्तान जिंदाबाद। वंदेमातरम। भारत माता की जय।