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संसदीय दल की बैठक में मोदी की भाजपा नेताओं को दो टूक

अहंकार व आक्रामक व्यवहार की इजाजत नहीं, पार्टी की छवि बिगाड़ने किसी को हक नहीं

Update: 2019-07-03 05:40 GMT

नई दिल्ली। भाजपा संसदीय दल की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पार्टी पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं को दो टूक संदेश दिया है कि चाहे कोई कितना ही ताकतवर, मंत्री, विधायक या सांसद ही क्यों न हो, उससे अहंकार व आक्रामक व्यवहार की उम्मीद नहीं की जाएगी। पार्टी की छवि बिगाड़ने का किसी को हक नहीं है। इस तरह का व्यवहार करने वाले कार्यकर्ता या पदाधिकारी को क्यों न पार्टी से निलंबित कर दिया जाए। मोदी की प्रतिक्रिया ऐसे समय आई है जब इंदौर से पार्टी विधायक आकाश विजयवर्गीय का नगर निगम के अधिकारियों की पिटाई का मामला तूल पकड़ रहा था। आकाश विजयवर्गीय का इस तरह का व्यवहार न केवल निंदनीय है बल्कि अमर्यादित भी। आकाश को कम से कम इतना तो सोचना ही चाहिए था कि उनके पिता पार्टी में कद्दावर नेता है और उनके एक कदम से उन्हें काफी हल्का देखना पड़ सकता है। आकाश की प्रतिक्रिया पिछले सप्ताह भर से काफी टोल हो रही थी, जिसमें अधिकारियों की पिटाई के बाद उन्होंने कहा था कि पहले आवेदन, निवेदन फिर दनादन। आकाश की इस प्रतिक्रिया के बाद पार्टी की छवि पर बुरा प्रभाव पड़ रहा था।

मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसदीय दल की बैठक में लाइन लेते हुए सख्त संदेश दिया तो पार्टी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय नदारद हो गए। आकाश की हरकत पर मोदी ने कड़ा एतराज जताया। इस मसले में आकाश को कच्चा खिलाड़ी बताते आ रहे कैलाश विजयवर्गीय खुद ही गच्चा खा गए। बताया जा रहा है कि मोदी आकाश के व्यवहार से बेहद दुखी थे। आकाश के जेल से रिहाई के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं ने जैसे सारी हदें ही पार करके रख दीं। उनका जोरदार तरीके से ऐसे स्वागत किया गया मानो वे कोई इंद्रासन का पद जीतकर आए हों। फूलमालाओं से स्वागत करने वालों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई किए जाने की संभावना है। माना जा रहा है कि आकाश का स्वागत करने पहुंचे कार्यकर्ता तो नपेंगे ही साथ में क्षेत्रीय यूनिट ही भंग करने तक की नौवत आ गई है। जिस तरह सुबह पार्टी प्रवक्ता राजीव प्रताप रूड्डी ने मीडिया में कैलाश विजयवर्गीय को लेकर कुछ संकेत दिए थे, तभी से यह माना जा रहा था कि कैलाश विजयवर्गीय पर गाज कभी भी गिर सकती है।

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