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तबलीगी जमात के मुखिया साद ने ऑडियो जारी कर कहा - मैंने खुद को क्वारंटाइन में रखा

Update: 2020-04-02 12:44 GMT

नई दिल्ली। पुलिस केस दर्ज होने के बाद लापता हुए तबलीगी जमात के मुखिया मौलाना साद के कोराना वायरस पर सुर बदल गए हैं। साद ने अब कोविड-19 के खिलाफ जंग में सरकार का पूरा सहयोग करने का भरोसा दिया है। कोरोना के बावजूद लोगों से मस्जिद आने और इसे मरने के लिए सबसे बेहतर जगह बताने वाले मौलाना साद ने अब एक ऑडियो क्लिप जारी करते हुए कहा है कि उन्होंने खुद को अलग-थलग (सेल्फ क्वारंटाइन) रखा है और दूसरे जमातियों से भी अपील की है कि डॉक्टरों और सरकार की सलाह मानें। डॉक्टरों की सलाह मानना शरियत के खिलाफ नहीं है।

मरकज के यूट्यूब चैनल पर अपलोड किए गए ऑडियो क्लिप में साद ने कहा, 'हमें भीड़ से बचना चाहिए और सरकार और कानून की ओर से जो कहा जाए उसका पालन करें। आप जहां हैं वहां खुद को क्वारंटाइन कर लें। यह इस्लाम या शरियत के खिलाफ नहीं है।'

माना जा रहा है कि साद दिल्ली में ही किसी अज्ञात स्थान पर छिपे हुए हैं। गुरुवार को सामने आए ऑडियो क्लिप में उन्होंने कहा, 'मैं डॉक्टरों की सलाह पर दिल्ली में सेल्फ क्वारंटाइन हूं। मैं सभी जमात से अपील करता हूं आप देश में जहां भी हैं कानून की ओर से बताए जा रहे निर्देशों का पालन करें।'

दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रान्च की ओर से साद की गिरफ्तारी के लिए दिल्ली और यूपी के कई इलाकों में छापेमारी की गई है। दिल्ली के जाकिर नगर और निजामुद्दीन सहित उसके तीन आवासों पर छापेमारी की गई है। बताया जाता है कि करीब 200 देशों में साद के 100 करोड़ अनुयायी हैं। निजामुद्दीन मरकज जमात का मुख्यालय है।

साद पर आरोप है कि उन्होंने दिल्ली और केंद्र सरकार की ओर से लागू किए गए नियमों का उल्लंघन करते हुए मरकज में लोगों को धार्मिक कार्यक्रम के लिए एकत्रित किया। मरकज में सैकड़ों विदेशी मेहमान भी आए थे, जिनके जरिए जमात के सैकड़ों लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए। यहां से देश के अलग-अलग हिस्सों में गए लोग अपने साथ कोरोना वायरस ले गए। देश में कोरना के मामलों की संख्या 2 हजार के पार चली गई है, जिसमें से 358 लोग मरकज से जुड़े हुए हैं। 

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