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निर्भया मामले में एक मात्र चश्मदीद गवाह पर एफआईआर दर्ज करने की मांग, फैसला सुरक्षित

- दोषी पवन कुमार के पिता की याचिका पर पटियाला हाउस कोर्ट 6 जनवरी को फैसला सुनाएगा

Update: 2019-12-20 08:00 GMT

नई दिल्ली। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने 2012 के निर्भया गैंगरेप और मर्डर केस के एक दोषी पवन कुमार के पिता की इस मामले के एक मात्र चश्मदीद गवाह के खिलाफ पैसे लेकर मीडिया में इंटरव्यू देने पर उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग करनेवाली याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है। कोर्ट इस याचिका पर 6 जनवरी को फैसला सुनाएगा।

पवन कुमार के पिता ने याचिका में कहा गया है कि पैसे देकर मीडिया इंटरव्यू देने की वजह से इस मामले का मीडिया ट्रायल किया गया जिससे केस पर असर पड़ा। याचिका में कहा गया है कि इस मामले के एकमात्र चश्मदीद गवाह और पीड़िता का दोस्त घटना वाले दिन पीड़िता के साथ बस में सवार था। उसकी गवाही के बाद ही चारो दोषियों को फांसी की सजा मुकर्रर की गई। याचिका में कहा गया है कि उसने कोर्ट में झूठी गवाही दी।

याचिका में उन खबरों को आधार बनाया गया है जिसके मुताबिक उसने कई न्यूज़ चैनल्स को इंटरव्यू देकर लाखों रुपये कमाए। न्यूज चैनल्स में खबरों की वजह से इस मामले का मीडिया ट्रायल हुआ और कोर्ट में ट्रायल पर असर पड़ा। याचिका में इसकी स्वतंत्र जांच की मांग की गई है। पवन के पिता ने इसकी शिकायत पुलिस से की थी लेकिन पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं की जिसके बाद उसने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

गैंगरेप के चारों दोषियों मुकेश, अक्षय, पवन और विनय को साकेत की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई थी, जिस पर 14 मार्च 2014 को दिल्ली हाईकोर्ट ने भी मुहर लगा दी थी। हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ दोषियों ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी जिस पर सुनवाई करते हुए फांसी की सजा पर रोक लगाई थी। 9 जुलाई 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने मुकेश, पवन और विनय के रिव्यू पिटीशन को खारिज करते हुए उनकी फांसी की सजा पर मुहर लगाई थी। इस मामले के चौथे दोषी अक्षय कुमार की पुनर्विचार याचिका भी सुप्रीम कोर्ट ने 18 दिसंबर को खारिज कर दिया था।

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