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एनआईए के समक्ष पेश होने की बजाय उमर फारूक ने दी धमकी

Update: 2019-03-11 13:11 GMT

नई दिल्ली। एनआईए की नोटिस को नकारते हुए उमर फारुख ने एजेंसी के पुलिस अधीक्षक के नाम भेजे गए जवाब में लिखा है कि नोटिस का उद्देश्य केवल मीरवाइज-ए-कश्मीर को बदनाम करना है। उक्त जवाब में यह भी कहा गया है कि दिल्ली जाने से फारुख की जान को खतरा हो सकता है। साथ ही अगर एजेंसी उन्हें दिल्ली आने के लिए जोर देती है तो इससे घाटी के हालात बिगड़ सकते हैं। साथ ही इससे राज्य के लोगों की धार्मिक भावना उत्तेजित होगी।

उल्लेखनीय है कि उमर को नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) ने सोमवार को बुलाया था। लेकिन उन्होंने अपने वकील एजाज अहमद डार के माध्यम से उक्त जवाब भिजवाया है। उमर ने अपने जवाब में यह जरूर स्वीकार किया है कि एजेंसी की ओर से हाल में उनके आवास पर की गई छापेमारी के दौरान एजेंसी की टीम वहां से कई दस्तावेज, लैपटॉप, सेल-फोन आदि ले गई। जबकि उमर एजेंसी को जांच में सहयोग करते रहे हैं।

उमर के बारे में यह भी कहा गया है कि वह कश्मीर में शिक्षा के प्रसार के काम में लगे रहे हैं। इसमें दावा किया गया है कि 300 साल पुरानी मीरवाइज की परंपरा के अनुसार वे कश्मीर के 13 वें मीरवाइज हैं। इसमें बाजपेयी सरकार की जम्मू-कश्मीर में उठाए गए कदमों की चर्चा भी करते हुए कहा गया है कि उस दौरान उन्हें पाकिस्तान से बातचीत के लिए इस्लामाबाद भेजा गया था। 

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