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मुलायम ने बदला रंग, महागठबंधन दंग

लोकसभा में बोले-नरेन्द्र मोदी बनें दोबारा प्रधानमंत्री

Update: 2019-02-13 13:35 GMT

नई दिल्ली। समाजवादी पार्टी के सरंक्षक मुलायम सिंह यादव के बुधवार को बदले रंग से महागठबंधन के सूरमा दंग रह गए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा की अक्सर तीखी आलोचना करने वाले यादव के लोकसभा में बजट सत्र के आखिरी दिन तेवर बदले नजर आए।

लोकसभा के समापन भाषण के मौके पर समाजवादी पार्टी के संस्थापक और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जमकर तारीफ कर विपक्ष को चौंका दिया। उन्‍होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने हमेशा जायज काम किया। उन्‍होंने हमारी मदद की। हम सब चाहते हैं कि नरेन्द्र मोदी फिर प्रधानमंत्री बनें। उन्‍होंने यह भी कहा-मेरी कामना है कि 'सभी लोकसभा सदस्‍य' फिर से चुनकर आएं।

पूर्व रक्षा मंत्री और प्रमुख विपक्षी नेता मुलायम सिंह यादव ने इस दौरान कहा- प्रधानमंत्री ने सभी को साथ लेकर चलने की कोशिश की है। यह सुनकर प्रधानमंत्री मोदी ने हाथ जोड़कर समाजवादी नेता का अभिवादन किया। इस दौरान सदन में मौजूद यूपीए अध्‍यक्ष सोनिया गांधी मुस्कराने लगीं। वह मुलायम सिंह के बगल में ही बैठी थीं।

महागठबंधन में शामिल दलों के कद्दावर नेता की यह टिप्पणी लोकसभा चुनाव से ठीक पहले आई है। विपक्षी दल भाजपा के रथ को रोकने के लिए महागठबंधन में शामिल हो रहे हैं। मुलायम सिंह के बेटे और समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव कुछ महीने बाद होने वाले आम चुनाव में भाजपा, खासतौर पर नरेन्द्र मोदी को रोकने के लिए महागठबंधन बना चुके हैं। दिलचस्प यह है कि अखिलेश यादव ने अपने पिता की कट्टर राजनीतिक दुश्मन मानी जाने वाली बहुजन समाज पार्टी अध्यक्ष मायावती से हाथ मिलाया है। आजादी के बाद से अबतक लोकसभा चुनाव के लिहाज से ऐसा माना जाता है कि दिल्ली का रास्ता उत्तर प्रदेश से गुजरता है। अगर इस मिथ पर भरोसा किया जाए तो मुलायम सिंह यादव की यह ताजा टिप्पणी महत्वपूर्ण है।

विपक्ष के प्रमुख रणनीतिकार और सपा के भीष्म पितामह मुलायम सिंह यादव ने कांग्रेस ही नहीं, विपक्ष के अन्य दलों को भी हैरान कर दिया है। देश की राजधानी दिल्ली में महारैली में व्यस्त विपक्षी नेता मुलायम की इस टिप्पणी पर खुलकर बोलने से कतराते रहे। इस महारैली का आयोजन आम आदमी पार्टी ने किया है। इसमें महागठबंधन के प्रमुख सहयोगी चंद्रबाबू नायडू, शरद पवार, ममता बनर्जी और अरविंद केजरीवाल आदि शामिल हुए हैं।

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