दिल्ली। भारत के पूर्व वित्त मंत्री और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल के अहम सदस्य रहे अरुण जेटली का दिल्ली के एम्स अस्पताल में निधन हो गया। उनके निधन से पूरे देश में शोक की लहर है। लोगों ने उनको आखिरी बार सोशल मीडिया पर इसी महीने सात अगस्त को सक्रिय देखा था जब उन्होंने महान संत तुलसीदास जी की जयंती पर उनको नमन किया था। इसके अलावा उन्होंने इसी दिन पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के निधन पर शोक भी जताया था।
बता दें कि नौ अगस्त को एम्स अस्पताल ने उनकी हालत को 'हीमोडायनैमिकली स्टेबल' बताया था। 'हीमोडायनैमिकली स्टेबल' होने का मतलब है कि दिल उतनी ऊर्जा पैदा कर पा रहा है कि वह खून को धमनियों में सही ढंग से भेज सके। इससे खून का प्रवाह सही रहता है और शरीर के अंगों तक ऑक्सीजन पहुंचती है।
पूर्व वित्त मंत्री के बारे में बात की जाए तो अरुण जेटली पेशे से एक वकील थे और वह भाजपा सरकार के पहले कार्यकाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल का अहम हिस्सा रहे थे। उन्होंने वित्त एवं रक्षा दोनों मंत्रालयों का कार्यभार संभाला था और सरकार के प्रमुख संकटमोचक के तौर पर कार्य करते रहे थे।
अपने खराब स्वास्थ्य के कारण ही संभवत: जेटली ने 2019 का लोकसभा चुनाव नहीं लड़ा। पिछले साल 14 मई को एम्स में उनके गुर्दे का प्रत्यारोपण हुआ था और उस वक्त उनकी जगह रेल मंत्री पीयूष गोयल ने वित्त मंत्रालय का कार्यभार संभाला था। लंबे समय से मधुमेह से ग्रसित होने के कारण अपने बढ़े हुए वजन को ठीक करने के लिये सितंबर 2014 में उन्होंने बेरियाट्रिक सर्जरी करायी थी।