मुख्यमंत्री के आश्वासन पर टिका व्यापारियों का आंदोलन
चेम्बर पदाधिकारियों में उभरे मतभेद
ग्वालियर, न.सं.। नगर निगम द्वारा संपत्तिकर के साथ कचरा शुल्क लगाए जाने का व्यापारिक संस्था चेम्बर एवं कैट द्वारा लगातार विरोध किया जा रहा है, लेकिन किन्ही कारणों से यह लोग विरोध स्वरूप सड़कों पर आन्दोलन करने की हिम्मत नहीं कर पा रहे हैं। इसके पीछे चेम्बर पदाधिकारियों का दो फाड़ हो जाना बताया जा रहा है क्योंकि कुछ पदाधिकारी प्रदेश सरकार की गाइड-लाइन के आगे नतमस्तक हैं। उन्हें भविष्य में सरकारी पद मिलने की संभावना है इसलिए वह इस आंदोलन को लटकाए हुए हैं। यही कारण है कि पिछली कुछ बैठकें चेम्बर एवं कैट की संयुक्त रूप से हुईं जिसमें आंदोलन की रूपरेखा नहीं बन सकी। और तो और दो पदाधिकारी तो इस बैठक में आने से भी कतराए। एक तो क्वारेंटाइन की बात कहकर लापता हैं। इससे कचरा शुल्क को लेकर व्यापारी बड़े ही पशोपेश में हैं कि 31 अगस्त तक संपत्तिकर जमा नहीं किया तो नगर निगम कुर्की की कार्रवाई न करने लगे।
भाजपा द्वारा शहर में तीन दिवसीय सदस्यता अभियान का आयोजन किया गया था। आयोजन के दौरान चेम्बर और कैट के पदाधिकारी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से मिले। नगर निगम द्वारा व्यापारियों और शहरवासियों से जबरन वसूले जा रहे गारवेज शुल्क को लेकर इन जन प्रतिनिधियों को अवगत कराया। मुख्यमंत्री ने पदाधिकारियों से चर्चा करते हुए कहा कि गारवेज शुल्क पर शीघ्र ही उचित निर्णय लिया जाएगा। इसके बाद दोनों संस्थाओं के पदाधिकारी शांत हो गए। अब यह पदाधिकारी मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए आश्वासन के आदेश का इंतजार कर रहे हैं। इसके बाद ही कोई ठोस निर्णय लेंगे।
2015 के बाद आंदोलन की जरूरत नहीं है
एक पदाधिकारी द्वारा सोशल मीडिया पर यह लिखा गया है कि वर्ष 2015 के बाद चेम्बर इतना सशक्त हो गया है कि उसे किसी विषय पर आंदोलन के लिए सड़कों पर उतरने की जरूरत नहीं पड़ी, क्योंकि हमारे पत्र से ही सारे काम हो जाते हैं। उनकी इस टिप्पणी पर पुराने चेम्बर सदस्यों ने इसे एक तरह से डी.पी. मण्डेलिया के समय से जो ख्याति चेम्बर की रही है उसकी तौहीन बताया है। इसी तरह एस.के.डी. गर्ग के समय भी चेम्बर ऊंचाईयों पर रहा। सोशल मीडिया पर पदाधिकारी की बात का विरोध उभर कर सामने आ रहा है।
इनका कहना है
'गारवेज शुल्क को लेकर हम व्यापारियों के साथ हैं और गारवेज शुल्क का विरोध करते हैं। कोरोना के कारण हम सड़कों पर आकर आंदोलन भी नहीं कर सकते हैं। मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए आश्वासन पर उचित निर्णय के आने का इंतजार है।Ó
विजय गोयल, अध्यक्ष, मप्र चेम्बर ऑफ कॉमर्स
'गारवेज शुल्क के लिए शासन व प्रशासन से पत्र व्यवहार जारी है। व्यापारी व आमजन हित में निर्णय नहीं आता है तो हम आंदोलन करेंगे।Ó
भूपेन्द्र जैन, प्रदेश अध्यक्ष, कैट
'गारवेज शुल्क पर यदि कोई उचित निर्णय नहीं आता है तो हम चरणबद्ध तरीके से आंदोलन करेंगे। कोरोना के कारण व्यापारी डरा हुआ है, इसलिए एक दम आंदोलन के लिए कोई निर्णय लेना गलत है।
रामनिवास अग्रवाल, कार्यकारिणी सदस्य, मप्र चेम्बर ऑफ कॉमर्स