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ग्वालियर में सात फेरे लेकर भगवान ‘लड्डू गोपाल’ की हो गईं ‘शिवानी’

Update: 2024-04-18 01:15 GMT

ग्वालियर।  कैंसर पहाडिय़ा का पंचमुखी हनुमान मंदिर बुधवार को एक अनूठे विवाह का साक्षी बना। ग्वालियर की 23 वर्षीय युवती शिवानी ने लाल जोड़ें में मण्डप में बैठकर भगवान श्रीकृष्ण यानि की ‘लड्डू गोपाल’ के साथ न सिर्फ सात फेरे लिए बल्कि उनकी सूनी मांग भगवान रूपी बालिका ने भरी। इस अद्भुत विवाह को देखने देशभर की मीडिया के कैमरे मौजूद रहे।

भगवान ‘श्रीकृष्ण’ की प्रेम दिवानी शिवानी परिहार रामनवमी के दिन बुधवार को सात फेरे लेकर भगवान ‘लड्डू गोपाल’ की हो गईं। शिवानी का कन्यादान गौरव शर्मा और दिव्यांशी शर्मा ने किया। मांग भराई का शुभ कार्य छह वर्ष की गौरवांशी भार्गव से कराया गया। विवाह की रस्में पं. कृष्णकांत गुप्ता, कुलदीप शुक्ला, अनिल कुमार पालिया और राहुल नायक ने विधि विधान के साथ पूरी कराईं। शिवानी की विदाई गुरुवार की सुबह वृंदावन के लिए होगी।

भगवान श्रीकृष्ण की ‘मीरा’ जैसी अनेक प्रियतम हैं उनमें से शिवानी परिहार भी एक हैं जो बचपन से ही भगवान ‘लड्डू गोपाल’ से दिल लगा बैठी। विवाह के बाद अब वह उनकी पत्नी के रूप में जानी जाने लगेंगी। शिवानी का यह अनोखा विवाह कैंसर पहाड़ी स्थित पंचमुखी हनुमान मंदिर पर सर्वजातिय सामूहिक विवाह सम्मेलन में हुआ। दोपहर के समय ‘लड्डू गोपाल’ की बारात आई। इसके बाद विवाह की रस्में कन्यादान, पैर पूजन, मांग भराई और सात फेरे पूरी की गईं। सायं के समय मोटे महादेव मंदिर के पास स्थित मावाड़ी धर्मशाला में प्रीतिभोज कार्यक्रम हुआ। उल्लेखनीय है कि शिवानी के पिता सुरक्षा एजेंसी में कार्य करते हैं जबकि माता एक निजी छात्रावास में नौकरी करती हैं। शिवानी परिहार के विवाह में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए जिसमें उनके रिश्तेदार, पड़ौसी और सखियां आदि शामिल रहे।

मैं ‘लड्डू गोपाल’ की गोपी हूं:-

शिवानी ने कहा कि वह लड्डू गोपाल की मीरा जैसी भक्ति तो नहीं कर सकती लेकिन उनकी गोपी बनकर रह सकती हूं। विवाह उपरांत मेरा सारा जीवन लड्डू गोपाल को ही समर्पित है। शिवानी ने कहा कि मेरे परिवार को लड्डू गोपाल दामाद के रूप में मिले हैं जो अजय और अमर हैं, बाकी सब कुछ नश्वर है जो मिट जाना है। उन्होंने बताया कि वह वृंदावन जाकर लड्डू गोपाल की सेवा के साथ श्रीमद भागवत पढेंगी और लोगों को ज्ञान भी बाटेंगी। उन्होंने बताया कि ‘लड्डू गोपाल’ की प्रतिमा उनकी मां ने उन्हें लाकर दी थी तभी से वह उनसे दिल लगा बैंठी।

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