ग्वालियर, न.सं.। दलाली का अड्डा बन चुका जयारोग्य चिकित्सालय के कैजुअल्टी में जहां मरीजों को निजी अस्पतालों में रैफर कर दिया जाता है। वहीं मरीज की मौत के बाद भी अस्पताल का स्टॉफ परिजनों के साथ दलाली करने से नहीं चूकता। जिसका एक मामला बुधवार को सामने आया। जब एक मृत बच्ची के शव को शव विच्छेदन गृह पहुंचाने के लिए 500 रूपए वसूले गए। लहार निवासी 14 वर्षीय मरहबा सीढिय़ों से गिर कर घायल हो गई थी। परिजन लहार के शासकीय अस्पताल लेकर पहुंचे तो बच्ची को जयारोग्य के लिए रैफर कर दिया।
जयारोग्य की कैजुअल्टी में बच्ची को मृत घोषित कर दिया गया। इसके बाद चिकित्सकों ने बच्ची का शव विच्छेदन कराने के लिए कहा। लेकिन अस्पताल का कोई भी स्टॉफ बच्ची के शव को शव विच्छेदन गृह ले जाने के लिए तैयार ही नहीं हुआ। इतना ही नहीं कैजुअल्टी के सामने खड़ी अस्पताल की शासकीय एम्बुलेंस के चालक ने शासकीय एम्बुलेंस से शव को ले जाने की जगह एक निजी एम्बुलेंस करवा दी। निजी एम्बुलेंस चालक ने बच्ची के परिजनों से शव को शव विच्छेदन गृह पहुंचाने के लिए 500 रूपए वसूले। बच्ची के पिता इसलाम का कहना है कि उन्होंने शव को शव विच्छेदन गृह तक पहुंचाने के लिए स्टॉफ से कहा तो स्टॉफ ने निजी एम्बुलेंस बुला दी।