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कार्रवाई की चेतना तो जागी, लेकिन ग्वालियर में कितने कोचिंग सेंटर इसकी जानकारी नहीं निगम के पास

Update: 2024-04-22 23:30 GMT

ग्वालियर। तीन दिन पहले संगम और रंग महल गार्डन में हुए अग्निकांड के बाद पूरा ध्यान गार्डनों और कोचिंग सेंटरों की ओर गया। प्रशासन और नगर निगम अधिकारियों की चेतना जागी है और वे कार्रवाई करने के लिए क्षेत्र में उतरे हैं, लेकिन अधिकारी छात्रों की सुरक्षा को लेकर कितने फिक्रमंद हैं, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि शहर में कितने कोचिंग सेंटर हैं और कितने फायर सेफ्टी के मानकों को पूरा करते हैं, इसकी कोई जानकारी निगम के पास नहीं है। अधिकारी एक दूसरे पर जिम्मेदारी डालकर बचने की कोशिश कर रहे हैं।

नगर निगम सीमा में व्यावसायिक गतिविधि संचालित करने वाले संस्थानों को फायर एनओसी लेना अनिवार्य है। अगर आग से निपटने के मानक पूरे नहीं होते तो फायर एनओसी नहीं मिल सकती है। वर्ष 2016 तक नगर निगम द्वारा इसकी परमिशन दी जाती थी, उसके बाद इसे ऑनलाइन कर दिया गया। अब भोपाल से ही एनओसी जारी की जाती है। ऐसे में लोग इसका फायदा उठाते हैं। यही कारण है कि शहर में संचालित अधिकांश कोचिंग सेंटरों ने फायर एनओसी नहीं ली है। दरअसल, फायर एनओसी के लिए भवन में फायर सेफ्टी सिस्टम, इमरजेंसी एग्जिट आदि का होना जरूरी है।

एक चिंगारी से मच सकता है कोहराम

शहर में 1500 से अधिक छोटे-बड़े कोचिंग सेंटर हैं। इनमें से कुछ सेंटरों को छोड़ दें तो अधिकांश पर फायर सेफ्टी सिस्टम तो छोडि़ए अग्निशमन यंत्र तक नहीं हैं। कई सेंटर ऐसे हैं जिन्हें लकड़ी के जरिए पूरा कवर्ड किया गया है। यहां एक छोटी सी चिंगारी कोहराम मचा सकती है।

सुविधाएं नहीं, केवल फीस से रहता है मतलब

शहर में संचालित होने वाले कोचिंग सेंटरों के संचालकों को छात्रों की सुविधाओं से कोई मतलब नहीं रहता है, उन्हें केवल फीस की चिंता रहती है। कोचिंग सेंटरों के संचालकों द्वारा कोर्स के अनुसार फीस वसूली जाती है। किसी भी कोर्स की फीस 5 हजार रुपए से कम नहीं रहती है। इन कोचिंगों पर कराए जाने वाले कोर्स की अधिकतम फीस की कोई सीमा नहीं है। अगर किसी छात्र के अभिभावक प्रवेश दिलाने में जरा सी देरी कर देते हैं तो इन कोचिंग सेंटरों के संचालकों द्वारा अभिभावकों को गुमराह किया जाता है और बच्चे के भविष्य का हवाला देकर ज्यादा फीस भी जमा करा लेते हैं। अगर कोई अभिभावक समय पर फीस भरने में असमर्थ हो जाता है तो छात्र को बाहर का रास्ता भी दिखा दिया जाता है।

लक्ष्मीबाई कॉलोनी में पहुंचा दल, नोटिस जारी किए

सोमवा को भी दमकल विभाग ने लक्ष्मीबाई कॉलोनी में बनी कोचिंग का निरीक्षण किया। इस दौरान अमले ने आठ संस्थानों को नोटिस जारी कर तीन दिन में व्यवस्थाएं सुधारने के निर्देश भी दिए है।

इनका कहना है

कोचिंग सेंटरों को लेकर गंभीरता से कार्रवाई की जा रही है। जो भी कोचिंग संचालक मानकों का पालन नहीं कर रहा है तो शीघ्र ही इसकी जानकारी जुटाकर संबंधित कोचिंग को सील किए जाने की कार्रवाई की जाएगी। शहर में कितने कोचिंग सेंटर हैं, इसकी कोई जानकारी नहीं है।

केशव सिंह चौहान

नोडल अधिकारी फायर ब्रिगेड नगर निगम

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