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कांग्रेस कर्ज माफी को लोकसभा चुनाव में भी मुद्दा बना सकती है

Update: 2019-03-19 17:06 GMT

भोपाल/राजनीतिक संवाददाता। 15 वीं विधानसभा के लिए हुए चुनाव में सत्ता के सिंहासन पर पहुंची कांग्रेस साल 2019 में हाने जा रहे लोकसभा चुनाव में भी किसानों की कर्ज माफी को बड़ा मुद्दा बनाने की तैयारी में जुट गई है। कांग्रेस पहले ही दावा कर चुकी है कि उनके दल की सरकार के शपथ लेते ही पहला फैसला किसानों की कर्ज माफी का किया जाएगा।

कांग्रेस ने चुनाव के पहले ही किसानों को लुभाने के लिए दो लाख रुपए तक की कर्ज माफी की घोषणा कर दी थी। जिसका लाभ उसे विधानसभा चुनाव में मिला और 15 साल से सत्ता के सिंहासन पर बैठी भाजपा को सत्ता गंवानी पड़ी। अब चुनाव परिणाम अपने पक्ष में आने के बाद कांग्रेस कर्ज माफी के मुद्दे को अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस मुद्दा बनाने की तैयारी में है। दरअसल प्रदेश में करीब 17 लाख किसान विभिन्न बैंकों के कर्जदार हैं, इनको इसका फायदा होगा। जिससे कांग्रेस को औसतन करीब एक करोड़ लोगों के पार्टी के पक्ष में मतदान करने की उम्मीद है। राजनीतिक तौर पर देखा जाए तो प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनवाने में सबसे बड़ा हाथ किसानों का ही माना जा रहा है। कांग्रेस का यह दांव सफल होने से कांग्रेस नेता अति उत्साहित हैं और अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में कर्जमाफी उसके लिए तुरुप चाल होगी। पार्टी दिल्ली के लिए भी इसी दाव को आजमाने की तैयारी कर रही है। पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने इस मुद्दे पर काम करना शुरू कर दिया है। किसान नेता मानते हैं कि राहत छोटी है, लेकिन किसानों के लिए फायदेमंद है।

कर्जमाफी से दिल्ली का सफर होगा पूरा

प्रदेश में सरकार बनने के बाद दिल्ली की सत्ता भी कर्जमाफी के रास्ते पर चलकर तय की जाएगी। इस संबंध में प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया ने पूर्व वित्तमंत्री चिदंबरम से इस संबंध में चर्चा भी की है। चिदंबरम भी लोकसभा चुनाव में इसको मुख्य मुद्दा बनाने की तैयारी में जुट गए हैं।

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