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कांग्रेस के आदिवासी नेताओं पर फूटा नाथ का गुस्सा

Update: 2019-03-18 17:16 GMT

जयस और जीजीपी ने मांगी 6 आदिवासी सीटें

विधानसभा के बाद लोकसभा चुनाव में भी आदिवासियों के युवा संगठन जय आदिवासी युवा संगठन यानी जयस ने कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ा दी है। जयस ने कांग्रेस से चार सीटों (धार, खरगोन, बैतूल और रतलाम सीट )की मांग की है और मांग पूरी ना होने पर भाजपा में शामिल होने की धमकी दी है। चुनाव से पहले कांग्रेस के लिए जयस चुनौती बन गया है, ऐसे में आदिवासी सीटों पर जीत हासिल करने की डगर कठिन होती नजर आ रही है। जयस के इस सख्त रवैए के बाद कांग्रेस में हडक़ंप की स्थिति है। इसी के चलते मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आनन-फानन में आदिवासी विधायकों की बैठक बुलाई और सभी से दो टूक शब्दों में कहा हर हाल में जयस को मनाओ और गोंडवाना समेत अन्य बागियों को अपने साथ मिलाओ। वही आदिम जाति कल्याण मंत्री ओमकार मरकाम को भी कड़ी फटकार लगाई नाथ ने कहा कि मंत्री बन गए हो तो उड़ रहे हो। जमीन पर पैर हैं या नहीं?, क्या ऐसे ही हम लोकसभा में आदिवासी बाहुल्य सीटों पर कांग्रेस को जिताएंगे।

विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ाने वाले आदिवासियों के जयस ने अब लोकसभा चुनाव में मोर्चा खोल दिया है। जयस ने फिर चार आदिवासी सीटों की मांग की है। मनावर से कांग्रेस विधायक और जयस संरक्षक हीरालाल अलावा ने कमलनाथ से मुलाकात कर दो टूक कह दिया है कि उन्हें चार लोकसभा सीटों से टिकट चाहिए। ये टिकट किसी आदिवासी युवा को मिलना चाहिए, साथ ही उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर कांग्रेस ने उन्हें ये चार टिकटे नहीं दी वे अन्य किसी दल में शामिल हो जाएंगें।उनके लिए हर दल के दरवाजे खुले है। वही इस बात का फायदा उठाकर भाजपा ने जयस पर डोरे डालना शुरु कर दिया है।

भाजपा नेताओं ने दिया ऑफर

खबर है कि अलावा को भाजपा की तरफ से खुला ऑफर दिया गया है। खुद अलावा ने इस बात के संकेत दिए है। अलावा ने बताया है कि भाजपा के कई दिग्गज नेताओं ने भी उन्हें बातचीत का प्रस्ताव दिया है। वही गोंडवाना ने भी 2 सीटों की मांग के बाद समर्थन देने की बात कही है। जयस की इस धमकी के बाद कांग्रेस मे हडक़ंप मच गया है। इसी के चलते मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आदिवासी विधायकों की बैठक बुलाई और उन्हें हर हाल में जयस और गोड़वाना पार्टी को मनाने को कहा गया।

मुख्यमंत्री ने मंत्री को लगाई फटकार

इस दौरान कमलनाथ ने प्रदेश की छह आदिवासी लोकसभा सीटों को जीतने की भी रणनीति तैयार की। उन्होंने विधायकों को अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र के साथ-साथ उन सीटों को जिताने की जिम्मेदारी भी सौंपी, जहां भाजपा के विधायक हैं।बैठक में विधायकों ने मुख्यमंत्री से कहा कि प्रभारी मंत्री उनकी नहीं सुनते तो जनता की क्या सुनेंगे। चुनाव जीतने के लिए मंत्री का जनता से मिलना और उनकी समस्याएं सुनना जरूरी है, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। इस पर नाथ आदिम जाति कल्याण मंत्री ओमकार मरकाम पर भड़क उठे और जमकर खरी-खोटी सुनाई । कमलनाथ ने कहा कि मंत्री बन गए हो तो उड़ रहे हो। जमीन पर पैर हैं या नहीं?, लोग घंटों तुम्हारा इंतजार करते रहते हैं। लोकसभा चुनाव सामने है। क्या ऐसे ही हम लोकसभा में आदिवासी बाहुल्य सीटों पर कांग्रेस को जिताएंगे?

भाजपा बढ़ा रही आदिवासियों में पैठ

2014 के लोकसभा चुनाव में 6 आदिवासी लोकसभा सीटों पर बड़ी जीत हासिल की थी। बाद में भाजपा सांसद दिलीप सिंह भूरिया के निधन के कारण हुए उप चुनाव में रतलाम- झाबुआ सीट कांग्रेस के कांतिलाल भूरिया ने जीतकर भाजपा को झटका दिया था। वर्तमान में प्रदेश की 6 आदिवासी सीटों शहडोल, मंडला, बैतूल, खरगोन और धार 5 भाजपा तथा एक रतलाम कांग्रेस के पास है। भाजपा एक बार फिर से मध्यप्रदेश की इन आदिवासी बाहुल्य सीटों पर अपने पुराने प्रदर्शन को दोहराने की कोशिशों में जुट गई है। उसका लक्ष्य आदिवासी वर्ग की सभी 6 सीटें पुन: अपने कब्जे में लेने का है। इसके लिए उसने लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान से पहले ही इन इलाकों में अपनी पैठ बढ़ा दी है।

जयस के साथ जीजीपी बनी बड़ी मुसीबत

कांग्रेस की मुसीबत यह है कि विधानसभा चुनाव के दौरान ऐन-केन सत्ता के सिंहासन तक पहुंचने के लिए उसने हर वह वादा किया जो उसे सरकार की चाबी तक पहुचने में मददगार साबित होता दिखा। आदिवासियों के युवा संगठन जय आदिवासी युवा संगठन यानी जयस नेता हीरालाल अलावा को कांग्रेस के टिकिट पर चुनाव लड़ाने का दांव भी कांग्रेस की इसी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है, लेकिन अब वही हीरालाल अलावा कांग्रेस और उसकी सरकार के लिए चुनौती बनकर उभर रहै हैं। बताया जा रहा है कि जयस नेता ने मध्यप्रदेश की 6 आदिवासी बाहुल्य सीटों में से चार सीटें धार, रतलाम, खरगोन और बैतूल जयस के लिए कांग्रेस से मांग कर संकट खड़ा कर दिया है। इधर जयस की तरह गोंडवाना गोमांतक पार्टी (जीजीपी) ने भी कांग्रेस की मुसीबतों इमें इजाफा कर दिया है। उसने शहडोल और मंडला सीट की मांग की है। अब कांग्रेस की परेशानी यह है कि अगर वह अपने इन सहयोगियों को मनाने के लिए इन सीटों का बलिदान देती है, तो कांग्रेस के आदिवासी नेता कहां जाएंगे।

वर्तमान में पांच पर भाजपा का कब्जा है।

शहडोल - ज्ञान सिंह, भाजपा

मंडला - फग्गन सिंह, भाजपा

बैतूल - ज्योति धुर्वे, भाजपा

खरगोन - सुभाष पटेल, भाजपा

धार - सावित्री ठाकुर, भाजपा

रतलाम - कांतिलाल भूरिया, कांग्रेस

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