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एक जिला जहां से चुने जाते हैं तीन सांसद

Update: 2019-03-13 14:23 GMT

प्रधानमंत्री, केन्द्रीय मंत्री और मुख्यमंत्री को चुनने का इतिहास दर्ज है इस जिले के नाम

विशेष संवाददाता भोपाल

भारत निर्वाचन आयोग ने देश के सबसे बड़े महाकुंभ लोकसभा चुनाव के लिए तारीखों का ऐलान कर दिया है। ऐसे में एक दिलचस्प तथ्य मध्यप्रदेश के सीहोर जिले के नाम दर्ज है। इस जिले में आंकड़ों में तो केवल चार विधानसभा सीटें ही दर्ज हैं, लेकिन खास बात यह है कि इस जिले के मतदाता तीन सांसदों का चुनाव करते हैं, हांलाकि ऐसा पहलीबार नही हो रहा कि सीहोर जिले के मतदाताओं को एक साथ तीन सांसद चुनने का मौका मिल रहा हो, इससे पहले भी चार विधानसभा सीटों वाले इस जिले के मतदाता तीन सांसद चुनते रहे हैं। भारत निर्वाचन आयोग के आंकड़ों पर नजर डालें तो सीहोर जिले के 156-बुधनी और 158-इछावर विधानसभा क्षेत्र विदिशा लोकसभा सीट के अन्तर्गत आता है। अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित 157-आष्टा विधानसभा क्षेत्र मध्यप्रदेश की देवास लोकसभा सीट का हिस्सा है, जबकि 159-सीहोर विधानसभा क्षेत्र के मतदाता भोपाल लोकसभा क्षेत्र के लिए अपना सांसद चुनते हैं।

अब हम चलते हैं सीहोर जहां सिर्फ यही चर्चा है कि अबकी बार किसकी सरकार। मध्यप्रदेश में लोकसभा की 29 सीटों पर चुनाव होता है। राजनीतिक नजरिए से ख़ास माने जाना वाले प्रदेश के सीहोर जिले में मुख्य मुकाबला कांग्रेस और भाजपा के बीच ही होता रहा है। एक ओर जहां सीहोर जिले में भाजपा अपने विधानसभा चुनाव के प्रदर्शन को दोहराने में जुटेगी, वही कांग्रेस के पास चुनौती रहेगी कि वह भाजपा के अभेद गढ़ को भेद सके। इस जिले में के मतदाता लोकतंत्र के उत्सव में दो चरणों में भागीदार होंगे। मतलब 12 मई को भोपाल और विदिशा लोकसभा सीट के लिए मतदान होगा, जिसमें सीहोर जिले की बुधनी, इछावर और सीहोर विधान सभा क्षेत्रों के मतदाता हिस्सा लेंगे, जबकि 19 मई को देवास लोकसभा सीट के लिए होने वाले मतदान में जिले की आष्टा विधानसभा क्षेत्र के मतदाता मतदान करेंगे।

इतिहास में दर्ज है यह जिला

भारतीय राजनीति में सीहोर जिले का गौरवशाली इतिहास रहा है। सीहोर जिले को प्रधानमंत्री, केन्द्रीय मंत्री और मुख्यमंत्री चुनने का गौरव हासिल है। इस जिले से निर्वाचित होने के बाद श्री अटल बिहारी बाजपेयी देश के प्रधानमंत्री बने। यहां की वर्तमान सांसद श्रीमती सुषमा स्वराज केन्द्र सरकार में विदेश मंत्री हैं। इसके अलावा सीहोर जिले की बुधनी विधानसभा सीट से निर्वाचित होने के बाद शिवराज सिंह चौहान तीन बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री रहे।

सीहोर में मतदाताओं का गणित

विधानसभा चुनाव 2018 तक सीहोर जिले में कुल मतदाताओं की संख्या 887373 थी, जो अब 907315 हो गई है। विधानसभा क्षेत्र सीहोर में कुल मतदाताओं की संख्या 194578 थी, जो अब 200555 हो गई है। इछावर विधानसभा क्षेत्र में कुल मतदाताओं की संख्या 199650 थी, जो अब 204042 हो गई है। विधानसभा क्षेत्र आष्टा में कुल मतदाताओं की संख्या 248274 थी, जो अब 252996 हो गई है। विधानसभा क्षेत्र बुधनी में कुल मतदाताओं की संख्या 244871 थी जो अब 249722 हो गई है।

भाजपा का गढ़ रहा है सीहोर

सीहोर जिले में कुल चार विधानसभा क्षेत्र आते हैं, जिनमें सीहोर, आष्टा, बुधनी और इछावर सम्मलित हैए वर्तमान में चारों विधानसभा सीटों पर भाजपा के विधायक निर्वाचित हैं। इनमें सीहोर विधानसभा क्षेत्र तो भोपाल लोकसभा क्षेत्र में आता हैए जहां से सांसद आलोक संजर हैं, जबकि बुधनी और इछावर विधानसभा क्षेत्र विदिशा लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है, जहां से सांसद सुषमा स्वराज हैं, जो वर्तमान में केन्द्रीय विदेश मंत्री भी हैं। आष्टा विधानसभा क्षेत्र देवास लोकसभा क्षेत्र में आता है, जहां से सांसद मनोहर ऊंटवाल बने। एक जिला तीन लोकसभा क्षेत्रों में बंटा हुआ हैं, ऐसे में जिले में जब लोकसभा चुनाव के लिए चुनाव प्रचार शुरू होता है, तो जिले में चुनाव का नजारा और समीकरण काफी रोचक नजर आते हैं। हालांकि पिछले कुछ चुनावों में औसतन परिणाम देखा जाए, तो जिले से अधिकाँश भारतीय जनता पार्टी को ही बढ़त मिलती रही है। इस बार चूंकि प्रदेश में सत्ता परिवर्तित हो गई है और कांग्रेस की सरकार आ गई है, तब जिले में कांग्रेस के नेताओं के दौरे तेज हो गए हैं, शहरी क्षेत्र में और ग्रामीण अंचल में कांग्रेस के नेता ध्यान दे रहे हैं और जिले के नेताओं को कांग्रेस के प्रदेश स्तरीय नेताओं का मार्गदर्शन भी मिल रहा है।

भाजपा-कांग्रेस ने बढ़ाई सक्रियता

देखा जा रहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह सीहोर जिले के दौरे पर आते रहे हैं, वहीं प्रभारी मंत्री आरिफ अकील भी जिले में अनेक बैठके लें चुके हैं। इस लिहाज से कांग्रेस भाजपा के अभेद गढ़ को भेदने में पहले से ही कोशिशें करने लगी हैं। चुनावी तारीखों के एलान के बाद आगामी कुछ दिनों में जिले में राजनीतिक सक्रियता निश्चित तौर पर बढ़ेगी।

क्या है राजनीतिक समीकरण

जिले के राजनीतिक समीकरणों पर नजर डालें, तो जिले में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का खासा प्रभाव हैए जिसका लाभ विगत कई चुनावों में सीधे तौर पर भाजपा को मिला है। पिछले विधानसभा चुनाव में सीहोर जिले की चारों सीटें भाजपा ने आसानी से जीत ली। वहीं दूसरी ओर जिले में बीते कुछ समय से कांग्रेस के प्रादेशिक नेताओं ने सक्रियता दिखाई है। यहां पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह तथा मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने पिछले कुछ दिनों में अपनी मौजूदगी दर्ज कराई है। जब लोकसभा चुनाव में उम्मीदवारों का ऐलान प्रदेश की राजनीति में सक्रिय दोनों प्रमुख राजनीतिक दल करेंगे, उसके बाद नए सिरे से समीकरण बनेंगे, लेकिन दोनों ही पार्टियों के लिए यहा लोकसभा चुनाव प्रतिष्ठापूर्ण रहेगा। कांग्रेस के लिए अपना खोया हुआ जनाधार पाने की चुनौती रहेगी, तो भाजपा के सामने अपनी धरोहर को सहेज कर रखना जरुरी होगा। कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा के पूर्व विधायक रमेश सक्सेना को कांग्रेस में शामिल कराकर भाजपा पर दबाब बनाने की कोशिश की है। इधर दूसरी ओर जिले में विधानसभा चुनाव की तुलना में मतदाता बढ़ गए हैं, अर्थात लोकसभा चुनाव में अब विधानसभा चुनाव के मुकाबले अधिक मतदाता मतदान करेंगे।

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